विदर्भ और केरल के बीच नागपुर के मैदान पर रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेला जा रहा है जिसमें विदर्भ की टीम मजबूत स्थिति में है. केरल की टीम ने टॉस जीता और विदर्भ को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया. इसका नतीजा ये रहा कि दिन खत्म होने तक विदर्भ की टीम ने 4 विकेट गंवा 254 रन ठोक दिए. पहले दिन के हीरो दानिश मालेवर रहे जिन्होंने नाबाद 138 रन ठोके. इसके अलावा करुण नायर भी अपना शतक पूरा कर सकते थे लेकिन 86 रन पर मालेवर के चलते वो रनआउट हो गए.
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विदर्भ की टीम का फिलहाल मैच पर कंट्रोल है. करुण नायर तो आउट हो चुके हैं लेकिन दानिश मालेवर फिलहाल क्रीज पर यश ठाकुर के साथ खेल रहे हैं. हालांकि केरल की टीम ने मैच में शानदार शुरुआत की. केरल के गेंदबाजों ने 13 ओवरों में ही 3 विकेट ले लिए थे. टीम के लिए ओपनिंग में पार्थ रेखड़े और ध्रुव शोरे आए लेकिन दोनों ही फ्लॉप रहे और 0, 16 बनाकर चलते बने. दर्शन नालकंडे भी सिर्फ 1 रन पर आउट हो गए.
केरल के गेंदबाज साझेदारी तोड़ने में रहे फ्लॉप
बता दें कि केरल के गेंदबाज उस वक्त परेशान हो गए जब करुण नायर और दानिश के बीच चौथे विकेट के लिए 215 रन की साझेदारी हुई. दोनों ने इसी के साथ टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया. इसका नतीजा ये रहा कि दोनों ने मिलकर 24 से लेकर टीम के स्कोर को 239 रन तक पहुंचा दिया. लेकिन तभी करुण नायर रनआउट हो गए. करुण नायर 239 रन पर रनआउट हो गए. नायर रन लेना चाहते थे लेकिन मालेवर ने उन्हें मना कर दिया. करुण ने 8 चौके और 1 छक्के की मदद से 86 रन बनाए और अपने शतक से चूक गए. वहीं मालेवर ने 14 चौकों और 2 छक्कों की मदद से नाबाद 138 रन पर खेल रहे हैं.
कौन हैं दानिश मालेवर?
मालेवर के पिता विष्णु एक क्रिकेट फैन हैं और उन्होंने जब शादी की थी तब उन्होंने सोच लिया था कि अगर उनका बेटा हुआ तो वो उसे क्रिकेटर बनाएंगे. लोअर मिडिल क्लास से आने वाले विष्णु के लिए शुरुआत में ये काफी मुश्किल रहा. मालेवर ने बताया कि, उनके पिता हमेशा उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे और इसलिए उन्होंने मुझे एकेडमी भेजा. इस दौरान मैं सिर्फ 7 साल का था. मुझे क्रिकेट खेलने में काफी परेशानियां झेलनी पड़ी. कई लोग थे जो मुझे बैट, पैड और ग्लव्स दिया करते थे. और ऐसा तब होता था जब मैं रन मारता था. अंडर 19 के बाद ही हमारे घर में पैसे आने शुरू हुए.
केरल की तरफ से एमडी नीधीष ने 2 विकेट और एडेन एपल टॉम ने 1 विकेट लिए.
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