कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व ओपनर रॉबिन उथप्पा ने बड़ा खुलासा किया है. उथप्पा ने कहा है कि फ्रेंचाइज ने साल 2014 में आईपीएल का खिताब जीत लिया था. इसके बावजूद वो फ्रेंचाइज छोड़ना चाहते थे. उथप्पा उस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैटर थे और यही कारण था कि उन्हें ऑरेंज कैप मिला था. ऐसे में वो फ्रेंचाइज का साथ इसलिए भी छोड़ना चाहते थे जिससे वो नीलामी में जाकर अपनी मार्केट वैल्यू की कीमत में बिक सकें.
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मैं अपनी मार्केट कीमत जानना चाहता था: उथप्पा
उथप्पा को केकेआर ने साल 2014 सीजन में 5 करोड़ रुपए में खरीदा था. वो केकेआर में तब आए जब पुणे वॉरियर्स को आईपीएल काउंसिल ने हटा दिया था. ऐसे में केकेआर ने बिना किसी देरी के उथप्पा को शामिल कर लिया. उथप्पा ने उस सीजन में 44 की औसत से कुल 660 रन ठोके. गौतम गंभीर के साथ उन्होंने ओपनिंग की और कोलकाता को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
उथप्पा ने एक यूट्यूब चैनल पर कहा कि, पुण वॉरियर्स इंडिया के बाद मैं 5 करोड़ में केकेआर में चला गया. मैं रिलीज होना चाहता था. मैं फिर से नीलामी में जाना चाहता था. मैं यहां मौके की तलाश में था. मैं उस दौरान यही सोच रहा था कि मैं कब तक खेलूंगा, 35 साल या 36 साल. उस समय मैं 29 साल का था. ऐसे में मैं ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाना चाहता था.
बता दें कि विकेटकीपर बैटर साल 2019 तक आईपीएल खेलने में कामयाब रहा. इसके बाद राजस्थान रॉयल्स ने उथप्पा को 3 करोड़ में खरीदा. इसके बाद उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए दो सीजन खेले.
मैं केकेआर से बात की थी
उथप्पा ने आगे कहा कि, मैं गया और मैंने केकेआर के लीडरशिप ग्रुप से बात की. उन्होंने मुझे मना कर दिया और कहा कि तुम नहीं जा सकते. हम चाहते हैं कि तुम हमारे लिए खेलो. हम लंबे समय तक तुम्हें खिलाना चाहते हैं. ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर मैं शायद 5 करोड़ से ज्यादा नहीं कमा सकता था. इसलिए मैंने जाने दिया. लेकिन मेरी बातचीत सही रही थी.
बता दें कि उथप्पा को आखिरी बार आईपीएल 2022 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए देखा गया था. 15 साल के आईपीएल करियर में उन्होंने कुल 6 टीमों के लिए खेला.
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