इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) की गिनती टेस्ट क्रिकेट के सफलतम गेंदबाजों में होती है. हालिया एशेज सीरीज के पहले टेस्ट में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है. स्टुअर्ट ब्रॉड ने एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन मार्नस लाबुशेन (13) और स्टीव स्मिथ (6) के विकेट चटकाकर इंग्लैंड को मैच जीतने के करीब ला खड़ा किया. उन्होंने पहली पारी में भी तीन विकेट चटकाए थे. 36 साल के ब्रॉड अभी चोटों से जूझते हुए एशेज सीरीज खेल रहे हैं और अपनी टीम के लिए पूरी जान लगाए हुए हैं. इंग्लैंड के कप्तान रहे नासिर हुसैन ने बताया कि यह गेंदबाज किस कदर चोटों से जूझते हुए टीम की जीत के लिए पूरा जोर लगा रहा है.
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नासिर हुसैन ने ब्रिटिश अखबार दी डेली मेल में लिखे आर्टिकल में ब्रॉड की तारीफ की. उन्होंने लिखा, 'वह ऐसा है जो कह सकता है कि उसने हमेशा पूरी जान लगाई. जब उसके स्पैल में दो गेंद बची थी तब वह तेजी से अपने बॉलिंग मार्क पर वापस जा रहा था ताकि टीम को एक और ओवर फेंकने का समय मिल सके. और मेरे हिसाब से एक इंग्लैंड क्रिकेटर से आप यही उम्मीद करते हैं. वह शरीर की हरेक नस को खींच देता है, खून का एक-एक कतरा झोंक देता है और पूरा जोर लगाता है जब तक कि वह संन्यास न ले ले. मौके पर खड़े होने, अपना रंग दिखाने, खेल को ऊपर ले जाने और महान खिलाड़ियों को आउट करने में वह किसी से कम नहीं है.'
ब्रॉड के पैर में लगी है चोट
नासिर ने आगे लिखा, 'आप देख सकते हैं कि ब्रॉड अपनी नौवीं और शायद आखिरी एशेज सीरीज की ज्यादा भी नहीं तो पहली आठ सीरीज जितनी ही कद्र करता है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसके रिकॉर्ड को याद रखा जाएगा. और अगर आप जानना चाहते हैं तो 36 की उम्र में भी उसने अपनी आउटस्विंगर पर काम किया जिसके जरिए उसने चौथी पारी में लाबुशेन और स्मिथ को आउट किया. पता नहीं वह अपने शरीर पर कितना बोझ डालता है. पहली पारी के बाद आपको उसके पैर देखने चाहिए. नंगे पैर वह मेरे पास आया, पूरे पैर पर पट्टी बंधी थी, पैर के अंगूठे का नाखून टूट रहा था, पट्टियों से खून रिस रहा था.'
ब्रॉड ने अभी तक 163 टेस्ट खेले हैं और 587 विकेट ले चुके हैं. उन्होंने 2007 में टेस्ट डेब्यू किया था. इसके बाद वे इंग्लैंड के मुख्य तेज गेंदबाज बनकर उभरे हैं. जेम्स एंडरसन के साथ मिलकर वे टेस्ट की सबसे कामयाब बॉलिंग जोड़ी बनाते हैं.
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