एक वक्ता का मानना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस समय आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है. वक्ता ने कहा कि "घास खाके इंसान नहीं जिंदा रहता ये तो मतलब मैं क्या बोलूं? इट्स ए सुसाइड". यह टिप्पणी पाकिस्तान की उस स्थिति पर की गई है जहाँ दुनिया कहती है कि वे घास खाकर जिंदा रह सकते हैं. वक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के पास अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप और महिला वर्ल्ड कप को बॉयकॉट करने का कोई विकल्प नहीं है. टी20 वर्ल्ड कप न्यूट्रल वेन्यू पर खेला जाना है, जबकि महिला वर्ल्ड कप भारत में आयोजित हो रहा है. वक्ता के अनुसार, अगर पाकिस्तान महिला वर्ल्ड कप से हटने की बात करता है, तो आयोजक इसे पैसे की बचत मानेंगे. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ऐसी स्थिति है कि किसी भी बड़े टूर्नामेंट से हटना उनके लिए वित्तीय बर्बादी होगी. पहले भी क्रिकेट के मैदान पर ऐसी घटनाएँ हुई हैं जहाँ खिलाड़ियों ने हाथ नहीं मिलाया या किसी मुद्दे पर बात की, लेकिन पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति में बॉयकॉट करना संभव नहीं है.
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