भारत ने वेस्ट इंडीज को 7 विकेट से हरा दिया. इस जीत के साथ टीम इंडिया ने सीरीज पर 2-0 से बाजी मार ली. इस दौरान भारत की ओर से कुलदीप यादव ने कमाल का खेल दिखाया और कुल 12 विकेट अपने नाम किए. लेकिन इसके बावजूद उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड नहीं मिला. कुलदीप की जगह रवींद्र जडेजा को ये अवॉर्ड मिला. जडेजा ने भी दोनों टेस्ट खेले, 8 विकेट झटके और बल्ले से 105 रन बनाए.
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जडेजा की गेंदबाजी का जलवा
36 साल के जडेजा ने पहला टेस्ट नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 2 से 4 अक्टूबर तक खेला. वहां पहले टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने 4 विकेट लिए. दिल्ली टेस्ट में पहली पारी में 3 विकेट और दूसरी में 1 विकेट उनका शिकार बना. ऐसे में विकेट लेने के मामले में वो कुलदीप से तो पीछे रहे लेकिन बैटिंग में रन बनाकर उन्होंने जो ऑल राउंडर प्रदर्शन किया. इसी के चलते उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड दिया गया.
अवॉर्ड के बाद क्या बोले जडेजा
पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में हर्षा भोगले से बात करते हुए जडेजा ने कहा, "अश्विन के रिटायरमेंट के बाद मुझे ज्यादा ओवर गेंदबाजी करने का मौका मिला. लेकिन टीम के तौर पर हम बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में कमाल कर रहे हैं. पिछले पांच-छह महीनों से हम जो क्रिकेट खेल रहे हैं, वो अच्छा संकेत है. लंबे समय तक ऐसा जारी रखना टीम के लिए बढ़िया है."
अब नंबर छह पर बल्लेबाजी का फोकस
जडेजा ने आगे कहा, "गौती भाई ने कहा है कि अब मैं नंबर छह पर हूं. तो मैं खुद को ज्यादा बल्लेबाज की तरह सोच रहा हूं, ये मेरे लिए ठीक काम कर रहा है. पहले सालों तक मैं आठ या नौ पर बल्लेबाजी करता था, माइंडसेट अलग था. अब मौका मिले तो ज्यादा समय क्रीज पर बिताने की कोशिश करता हूं."
रिकॉर्ड से ज्यादा टीम की जीत
जडेजा का मानना है कि वो रिकॉर्ड्स के बारे में ज्यादा नहीं सोचते. "ईमानदारी से कहूं, रिकॉर्ड्स पर ध्यान नहीं देता. बस बल्ले और गेंद से टीम को जीत दिलाने पर फोकस करता हूं. हमेशा ऐसा ही करता हूं. अगर दोनों से परफॉर्म न करूं तो खिलाड़ी के तौर पर वैल्यू नहीं दिखती. हमेशा 100 परसेंट देता हूं. ये मेरा तीसरा मैन ऑफ द सीरीज ट्रॉफी है, घर लाकर खुश हूं."
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