बीसीसीआई के नए सेक्रेटरी देवजीत सैकिया ने पद संभालते ही बड़ा बयान दिया है और कहा है कि भारतीय टीम रेड बॉल क्रिकेट में संघर्ष कर रही है. मुंबई में रिपोर्टर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे लिए भारत को वापस उसी जगह पर लाना बड़ा चैलेंज होगा. भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर 0-3 से हार मिली और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया ने 1-3 से हार झेली. सैकिया ने कहा कि बीसीसीआई यहां हर एक्सपर्ट से बात कर रही है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि इसका नतीजा पॉजिटिव ही निकलेगा. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल हम सीरीज दर सीरीज फोकस कर रहे हैं और अभी हमें इंग्लैंड के खिलाफ व्हाइट बॉल सीरीज पर ध्यान देना है.
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बीसीसीआई हेडक्वार्टर में मीडिया से बात करते हुए सैकिया ने कहा कि, हमारे लिए ये बड़ा चैलेंज साबित होगा क्योंकि आपने देखा कि हमने पिछली कुछ महीनों में कैसा प्रदर्शन किया है. ऐसे में फिलहाल हम इंग्लैंड पर टी20 सीरीज के लिए फोकस कर रहे हैं. इसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी है. हमें एक समय पर एक टूर्नामेंट के बारे में सोचना होगा. पिछले दो दिनों में हमने आपस ने काफी बातचीत की है.
सैकिया ने आगे कहा कि हम यहां एक्सपर्ट की भी राय ले रहे हैं. ऐसे में जो भी हम कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि इसका नतीजा पॉजिटिव निकलेगा. हमरा फोकस इंग्लैंड और चैंपियंस ट्रॉफी पर है. जो जय शाह करके गए हैं, मैं उसे आगे बढ़ाना चाहता हूं.
कौन हैं देवजीत सैकिया?
56 साल के सैकिया फर्स्ट क्लास क्रिकेटर रह चुके हैं. वो असम के लिए रणजी ट्रॉफी खेल चुके हैं. सैकिया टीम में विकेटकीपर की भूमिका निभाते थे. वो कमाल के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज भी रह चुके हैं.
सैकिया के क्रिकेट करियर की बात करें तो 1984 में वो जूनियर लेवल पर सीके नायडू ट्रॉफी खेले थे. इसके बाद असम की अंडर 15 टीम की तरफ से विजय मर्चेंट ट्रॉफी में खेले. उन्होंनें इस टूर्नामेंट के अपने पहले ही मैव में नॉटआउट 55 रन बना दिए थे. 1987 में वो अंडर 17 में विजय हजारे ट्रॉफी में ओडिशा के खिलाफ शतक लगाया था. इसके बाद उन्हें सीनियर ईस्ट जोन टीम में जगह मिली, जहां वो सौरव गांगुली जैसे दिग्गज प्लेयर्स के साथ खेले. 1989 में सैकिया ने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया और असम के लिए चार मैच खेले. हालांकि इससे आगे वो अपने क्रिकेट करियर को नहीं बढ़ा पाए और पढ़ाई पर पूरा फोकस करने के लिए उन्होंने 21 की उम्र में क्रिकेट को छोड़ दिया.
सैकिया का सफर
इसके बाद सैकिया ने वकालत को अपना प्रोफेशन बनाया. उन्होंने 28 साल की उम्र में गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की. अपने कानूनी करियर से पहले उन्होंने खेल कोटे के जरिए उत्तरी सीमांत रेलवे और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में भी नौकरी हासिल की थी. सैकिया का क्रिकेट प्रशासन में प्रवेश 2016 में शुरू हुआ, जब वे हेमंत बिस्वसरमा की अध्यक्षता में असम क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) के छह उपाध्यक्षों में से एक बने. बाद में वे 2019 में ACA सचिव बने. यह पद उन्होंने 2022 में BCCI के संयुक्त सचिव के रूप में अपने चुनाव तक संभाला था.
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