भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा चीन में तिरंगा लहराकर घर पहुंच गए हैं. घर वापसी पर उनका जोरदार स्वागत हुआ. घर पहुंचने के बाद चीन की चीटिंग पर नीरज का पहला रिएक्शन आया. जैवलिन में नीरज के 88.88 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड जीता. जबकि एक और भारतीय खिलाड़ी किशोर कुमार जेना ने सिल्वर मेडल जीता था. फाइनल में नीरज का पहला ही थ्रो 85 मीटर के करीब था, मगर तकनीकी खामी की वजह से ऑफिशियल उनके थ्रो की दूरी को माप नहीं पाए और उन्हें फिर से पहले अटेम्प्ट के लिए कहा गया.
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इतना ही नहीं किशोर के भी एक थ्रो को आयोजकों ने फाउल बता दिया था, मगर नीरज के कहने पर किशोर ने उनके फैसले के खिलाफ अपील की, जो भारत के पक्ष में रहा और उनके थ्रो को लीगल करार दिया गया. चीन में भारतीय एथलीट के साथ हुई इस घटना पर नीरज ने कहा कि वर्ल्ड एथलेटिक्स फेडरेशन को इस पर ध्यान देना चाहिए. नीरज ने कहा कि भारतीय एथलीटों के साथ वहां कुछ चीजें सही नहीं हुई. उन्हें बुरा लगा कि उन्होंने शुरुआत अच्छे थ्रो से की थी, मगर उसे माना नहीं गया.
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एक्शन की उम्मीद
नीरज ने कहा कि चीन में पहली बार इतना बड़ा इवेंट नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वो उम्मीद कर रहे हैं कि जो कुछ भी हुआ, उस पर वर्ल्ड एथलेटिक्स ने ध्यान दिया होगा. नीरज ने कहा कि वो उम्मीद कर रहे है कि वापस से ऐसी चीज रिपीट नहीं होगी. किसी भी प्लेयर के लिए ये मुश्किल होता है. किशोर के मामले पर नीरज ने कहा कि उन्हें लगता है कि अपने देश के खिलाड़ी के साथ खड़ा होना अहम है. उन्हें विश्वास था कि वो फाउल नहीं है.
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