भारत की स्टार मुक्केबाज निकहत ज़रीन ने 21 महीने से ज्यादा समय में अपना पहला इंटरनेशनल मेडल लगभग हासिल कर लिया है. वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स में वीमेंस 51 किग्रा कैटेगरी में निकहत ने उज़्बेकिस्तान की गनीवा ग्लूसेवर के खिलाफ मुश्किल मुकाबले में जीत हासिल कर फाइनल में जगह बनाई और इसी के साथ मेडल भी पक्का कर लिया. अब गुरुवार को निकहत गोल्ड मेडल के लिए रिंग में उतरेंगी. उन्होंने इससे पहले फरवरी 2024 में स्ट्रैंड्जा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता था.
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2024 पेरिस ओलिंपिक में जल्दी बाहर होने के बाद निकहत ने इंटरनेशनल लेवल पर मुश्किल से ही हिस्सा लिया है. वह इस साल की शुरुआत में सिर्फ़ वर्ल्ड चैंपियनशिप खेली थी.
पेरिस ओलिंपिक के बाद पदकों का खाता खुला
कंधे की चोट के कारण करीब एक साल रिंग से दूरे रहने के बाद सितंबर में विश्व चैम्पियनशिप के जरिये वापसी करने वाली निकहत ने सेमीफाइनल मुकाबले में अपने पंच का दम दिखाया. निकहत ने कहा कि मुझे खुशी है कि पेरिस ओलिंपिक के बाद मेरे पदकों का खाता खुला है. यहां से आगे ही जाना है. मैं यहीं पर विश्व चैंपियन बनी थी और आज मैंने सेमीफाइनल जीता है और अब मैं चीनी ताइपे के खिलाफ फाइनल का इंतजार कर रही हूं.
ये मुक्केबाज भी फाइनल में पहुंचे
निकहत का अब सामना चीनी ताइपे की गुओ यि शुआन से होगा. उनके अलावा जैसमीन लंबोरिया, जादुमणि सिंह एम (50 किलो), पवन बर्तवाल (55 किलो), सचिन सिवाच (60 किलो) और हितेश गुलिया (70 किलो) भी खिताबी मुकाबले में पहुंच गए. भारत के 15 मुक्केबाज गुरुवार को गोल्ड मेडल मैच खेलेंगे.
57 किलो की वर्ल्ड चैंपियन जैसमीन ने पूर्व एशियाई युवा चैम्पियन कजाखस्तान की उलजहां सारसेंबेक को 5-0 से हराया. इससे पहले जदुमणि ने ऑस्ट्रेलिया के उमर इजाज को मैंस 50 किलो सेमीफाइनल में हराया .वही नीरज फोगाट (65 किलो), जुगनू (85 किलो) और सुमित कुंडू (75 किलो ) टूर्नामेंट से बाहर हो गए.
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