किला रायपुर के रूरल ओलिंपिक में गिल्ली-डंडा से लेकर स्टापू, गिटे और घिग्गर फिस्सी समेत ये गजब के खेल होते हैं शामिल

पंजाब के किला रायपुर में होने वाले रूरल ओलिंपिक खेलों का काफी इंतजार रहता है. देश के ग्रामीण इलाकों के साथ ही विदेशों में बस चुके भारतीय भी इसे देखने के लिए उमड़ते हैं.

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किला रायपुर रूरल ओलिंपिक खेल.

Highlights:

1933 से किला रायपुर गांव रूरल ओलिंपिक हो रहे हैं.

इन खेलों में नौजवानों के साथ ही दिलों से जवान लोग हिस्सा लेते हैं.

लुधियाना के पास बसे किला रायपुर गांव में हर साल फरवरी के महीने में यह खेल होते हैं.

पंजाब के किला रायपुर में होने वाले रूरल ओलिंपिक खेलों का काफी इंतजार रहता है. देश के ग्रामीण इलाकों के साथ ही विदेशों में बस चुके भारतीय भी इसे देखने के लिए उमड़ते हैं. लुधियाना के पास बसे किला रायपुर गांव में हर साल फरवरी के महीने में यह खेल होते हैं. इस इवेंट में तीन तरह के मुख्य खेल होते हैं जिन्हें रूरल गेम्स (ग्रामीण खेल), मॉडर्न गेम्स (आधुनिक खेल) और परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स में बांटा गया है. 1933 से किला रायपुर गांव में यह खेल आयोजित हो रहे हैं और चार दिन तक इन खेलों में शामिल होने और देखने के लिए हजारों से ज्यादा लोग आते हैं. इन खेलों में नौजवानों के साथ ही दिलों से जवान लोग हिस्सा लेते हैं. गिल्ली-डंडा से लेकर 90 साल से ऊपर के लोगों की रेस, रस्सा कशी से लेकर कबड्डी और हॉकी जैसे खेल यहां आयोजित होते हैं.

किला रायपुर रूरल ओलिंपिक में कौन-कौनसे खेल होते हैं

रूरल ओलिंपिक खेलों में ग्रामीण खेल जैसे कबड्डी, स्टापू, गिटा पत्थर (गिटे) के साथ ही हॉकी, रेस, साइक्लिंग, हाई जंप जैसे आधुनिक खेल शामिल होते हैं. वहीं बोतल के सहारे खड़े होना, बालों के सहारे वजन उठाना, गाड़ियों को खींचना, ट्रेक्टर को शरीर के ऊपर से निकालना जैसे जोखिमभरी गतिविधियां भी इन खेलों में देखने को मिलती है. अब जानिए कौन-कौनसे खेल रूरल ओलिंपिक में आयोजित होते हैं.

रस्साकशी- रूरल ओलिंपिक खेलों में रस्साकशी खेल आयोजित होता है. इसमें कई टीमें शामिल होती है. यह ताकत का खेल होता है तो इसमें बलिष्ठ लोग हिस्सा लेते हैं. इसमें रस्सी के बीच में एक कपड़ा बांध दिया जाता है और इसके दोनों सिरों को दो टीमों के खिलाड़ी पकड़ लेते हैं. फिर खींचतान शुरू होती है. जो टीम रस्सी को दूसरी टीम से खींचते हुए अपने पाले में कर लेती है वह जीत जाती है.

ट्रेक्टर रेस- किला रायपुर रूरल ओलिंपिक में ट्रेक्टर की रेस का जबरदस्त रोमांच रहता है. इसे देखने के लिए बड़ीं संख्या में लोग आते हैं. यह सामान्य रेस की तरह ही होती है बस इसमें हिस्सेदारी ट्रेक्टर्स की होती है. बैलों की रेस पर रोक लगाए जाने के बाद ट्रेक्टर रेस की लोकप्रियता बढ़ गई है. 

गिल्ली डंडा- यह खेल लकड़े के डंडे और गिल्ली (लकड़ी का छोटा टुकड़ा जिसे दोनों सिरे नुकीले होते हैं) से खेला जाता है. इसमें दो टीमें होती हैं. इसमें पहले डंडे के सहारे गिल्ली को हवा में उड़ाया जाता है. अगर कैच कर लिया जाता है तो खिलाड़ी आउट होता है. अगर कैच नहीं होता तब दूसरी टीम वापसे इसे उड़ाने वाले खिलाड़ी की तरफ फेंकती है और वह इसे मारने की कोशिश करता है. गिल्ली डंडा के कई अलग-अलग प्रकार के खेल होते हैं.

टिरिंजेन- इस खेल में गाने का मुकाबला होता है. इस दौरान प्रतिस्पर्धी एक गोल चक्के को घुमाते हैं और इसमें मानवीय भावनाओं जैसे गुस्सा, दुख, खुशी, विरह पर गाने गाए जाते हैं. सबसे बेहतर गाना गाने वाले और समयावधि में ऐसा करने वाला विजेता बनता है.

कोकला छपकी- इस खेल में एक गोलाई में सभी खिलाड़ी बैठ जाते हैं. एक खिलाड़ी इस दौरान कपड़ा लेकर खड़ा रहता है. बैठे हुए खिलाड़ी पीछे नहीं देख सकते हैं. जो खिलाड़ी खड़ा रहता है वह किसी के पीछे कपड़ा रख देता है. जिसके पीछे कपड़ा रखा गया है उसे रखने वाले को पकड़ना होता है. कपड़ा रखने वाला खाली जगह पर बैठ जाता है. इसके बाद जो रह गया उसे कपड़ा रखकर पकड़े जाने से बचना होता है. जो खिलाड़ी कपड़ा रखने पर पकड़ा जाता है वह आउट हो जाता है.

स्टापू- भारत में इसे कई जगहों पर लंगड़ी टांग भी कहा जाता है. इसमें चौकोर डिजाइन जमीन पर बनाई जाती है. फिर पत्थर को आगे-आगे फेंकते हुए लंगड़ी टांग के जरिए उस तक पहुंचा जाता है.

चिचो चिच गनेरियां- इस खेल में दो टीमें हिस्सा लेती हैं. इसमें जहां तक संभव हो वहां तक सीधी खड़ी लाइनें खींची जाती हैं. 

गिटा पत्थर (गिटे)- यह खेल पांच या सात छोटे पत्थरों के साथ खेला जाता है. इसमें सबसे पहले सभी पत्थरों के टुकड़ों को हवा में उछाला जाता है. इसके बाद एक-एक उठाया जाता है. उठाने की प्रक्रिया एक पत्थर से होती है. इसके बाद हर बार एक पत्थर हवा में उछाला जाता है और उसके नीचे गिरने से पहले बाकी पत्थरों को उठाकर हवा में फेंके गए पत्थर को कैच करना होता है. पहले एक-एक पत्थर उठाना होता है. फिर दो-दो. ऐसे करते हुए आखिर में सभी पत्थर साथ में उठाने होते हैं. 

किकली- इस खेल में दो लोग आमने-सामने खड़े होते हैं. इसके बाद एक दूसरे के हाथ पकड़ लिए जाते हैं और गोल-गोल घूमा जाता है. इस दौरान गाने भी गाए जाते हैं. घूमते हुए जो गिर जाता है उसे आउट माना जाता है.

घिग्गर फिस्सी- इस खेल में हिस्सा लेने वाला शख्स हाथ और पैर के बल झुक जाता है. इसके बाद एक-एक करके दो-तीन लोग उसके ऊपर बैठते हैं. अगर झुकने वाला उनका वजन सह जाता है तो वह जीत जाएगा. अगर वजन सह नहीं पाया तो वह हार जाएगा.


किला रायपुर रूरल ओलिंपिक में बंद हो गए ये खेल

पहले इन खेलों में बैलगाड़ियों की रेस को लेकर काफी उत्साह रहता था. लेकिन 2014 में सुप्रीम कोर्ट के रोक के बाद यह बंद हो गया. 1940 से यह खेल खेला जा रहा था. मगर जानवरों के प्रति हिंसा को रोकने के उपायों के चलते इस खेल पर पाबंदी लगाई गई. इनके अलावा ऊंटों की रेस भी पहले यहां पर देखने को मिलती थी. लेकिन अब वह भी रुक चुकी है. हालांकि कुत्तों की रेस अभी भी देखने को मिलती है.

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