साल भर पहले टीम इंडिया से बाहर हुए क्रिकेटर ने जाहिर किया दर्द, कहा- किनारे किए जाने पर वापसी मुश्किल

साल भर पहले टीम इंडिया से बाहर हुए क्रिकेटर ने जाहिर किया दर्द, कहा- किनारे किए जाने पर वापसी मुश्किल

हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) का मानना है कि भारतीय टीम (Indian Cricket Team) में वापसी करना मुश्किल है और बाहर किए जाने से खिलाड़ी के माइंडसेट पर असर पड़ता है. मध्य क्रम का यह बल्लेबाज भारत के लिए आखिरी बार जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्ट में खेला था. इसके बाद उन्हें बाहर कर दिया गया और वे तब से वापसी नहीं कर पाए हैं. अभी हनुमा विहारी दलीप ट्रॉफी में साउथ जोन की तरफ से खेल रहे हैं. 5 जुलाई को नॉर्थ जोन के खिलाफ मैच से पहले उन्होंने कहा, 'एक बार जब आप भारतीय टीम से बाहर हो जाते हैं या किनारे कर दिए जाते हैं तब वापसी करना मुश्किल होता है. इससे माइंडसेट पर फर्क पड़ता है. मैं पिछले सीजन इससे गुजरा हूं.'

 

विहारी हार नहीं मान रहे हैं. वे अजिंक्य रहाणे से प्रेरणा ले रहे हैं जिन्होंने करीब डेढ़ साल बाद टीम इंडिया में वापसी की थी. उन्होंने कहा, 'जब तक आप रिटायर नहीं होते तब तक आप वापसी करना चाहते हैं. हालांकि मैं 29 साल का हूं लेकिन मुझमें खेल बाकी है. आपने अजिंक्य रहाणे को 35 की उम्र में वापसी करते देखा है. मुझे लगता है कि अभी काफी दूर जाना है और भारत के लिए काफी कुछ योगदान देना है, विशेष रूप से टेस्ट क्रिकेट में.' विहारी ने भारत के लिए कुल 16 टेस्ट खेले. इनमें एक शतक व पांच अर्धशतक से 839 रन उनके नाम है.

 

हैदराबाद में जन्मे इस बल्लेबाज का कहना है कि घरेलू क्रिकेट में मेहनत कर वे फिर से टीम इंडिया का दरवाजा खोलना चाहेंगे. उन्होंने कहा, 'इस सीजन मैं सब कुछ किनारे रखना चाहता हूं और मेरी बल्लेबाजी पर फोकस करना व मेरी स्किल्स में बेहतरी लाना चाहता हूं. जब भी मुझे मौका मिला मेरे हिसाब से मैंने अच्छा किया. हो सकता है भारतीय टीम के लिए मेरा बेस्ट काफी न हो. मैं बेहतर होने की कोशिश करता रहूंगा.'

 

आईपीएल पर क्या बोले विहारी

 

विहारी ने मान लिया कि आईपीएल के जरिए भारतीय टीम में आना उनके लिए मुश्किल रहेगा. उन्होंने कहा, 'आईपीएल एक ऐसा जरिया है जिससे मैं असर नहीं छोड़ सकता और मेरे पास केवल घरेलू सीजन है. इसलिए मुझे घरेलू सीजन में जी-तोड़ मेहनत करनी होगी.' लेकिन विहारी खुद को एक ही फॉर्मेट का खिलाड़ी मानने के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, 'लोगों ने मुझे एक टेस्ट खिलाड़ी के तौर पर मान लिया जो सही नहीं है. अगर आप मेरा आईपीएल का सफर देखेंगे तो मैं जब 19, 20 साल का था तब मैंने अच्छा किया था. मैं सफेद गेंद क्रिकेटर के तौर पर आगे बढ़ा मगर मुझे ज्यादा मौके नहीं मिले. खिलाड़ियों को एक खांचे में फिट करना सही नहीं, एक अच्छा खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट में खेल सकता है. मैं सभी फॉर्मेट खेलना चाहता हूं.'
 

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