इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल का 17वां सीजन शुरू होने जा रहा है. 2008 से शुरू हुआ यह टूर्नामेंट आज दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग है. आईपीएल ने जिस तरह अपनी चमक-दमक, खेल और सितारों की मौजूदगी से पैर पसारे हैं उससे आईपीएल ने खुद को दुनिया की सबसे बड़ी खेल लीग्स में अपना नाम अव्वल दर्जे की पंक्ति में लिखाया है. इस लीग का दो महीने का अपना विंडो है और उस वक्त पर इंटरनेशनल क्रिकेट थम सा जाता है. क्रिकेट जगत का हर एक सितारा इसमें शामिल होना चाहता है. लेकिन आईपीएल की शुरुआत कैसे हुई थी. किस शख्स के दिमाग में सबसे पहले इसका आइडिया आया था?
आईपीएल के जनक ललित मोदी हैं. 2008 में उनकी वजह से ही यह टूर्नामेंट शुरू हुआ था. लेकिन आईपीएल की कहानी 90 के दशक तक जाती है. हालांकि तब टी20 क्रिकेट नहीं खेला जाता था. ललित मोदी अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए गए थे. वहां पर उन्होंने नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन को देखा जिसकी जबरदस्त फॉलोइंग थी. इसे देखने के बाद वे भारत में भी ऐसा ही कुछ खेलों में शुरू करना चाहते थे. तब वे वनडे क्रिकेट को फ्रेंचाइज में बांटकर एक लीग शुरू करने की तमन्ना रखते थे. वे चाहते थे कि शहरों के नाम से टीमें हों जिनमें भारतीय और विदेशी क्रिकेटर खेलें. यह मुकाबले दिन-रात में हों और टीवी पर इनका प्रसारण किया जाए. महीने-डेढ़ महीने तक वे इस लीग की अवधि चाहते थे.
ललित मोदी की योजना बीसीसीआई ने नहीं मानी
मोदी की यह योजना हालांकि लागू नहीं हो सकी. एक तो तब वे बीसीसीआई में दखल नहीं रखते थे. दूसरा जिस तरह की योजना उन्होंने बनाई थी वह बीसीसीआई को समझ नहीं आई और वह अतिमहत्वाकांक्षी लगी. बीसीसीआई अधिकारियों से भी उन्हें सहयोग नहीं मिला. ऐसे में वनडे क्रिकेट की उनकी योजना बेनतीजा रही. लेकिन लगभग 10 साल बाद साल 2007 में समय ने पलटा खाया. अब ललित मोदी बीसीसीआई का हिस्सा थे. टी20 के रूप में एक नया फॉर्मेट क्रिकेट में आ चुका था और वह फैंस को लुभा रहा था. इंडियन क्रिकेट लीग के जरिए बीसीसीआई पर दबाव भी था क्योंकि कई खिलाड़ी इस बागी लीग में जा रहे थे.
सितंबर 2007 में हुआ आईपीएल का ऐलान
मोदी ने अब टी20 लीग के रूप में अपनी पुरानी योजना को मूर्तरूप देना शुरू किया. तब वे बीसीसीआई के उपाध्यक्ष थे. उन्होंने टी20 लीग को आईपीएल का नाम दिया. आठ शहरों को इसकी प्राथमिक टीमों के लिए चुना गया. इनका स्वामित्व ऑक्शन के जरिए दिया गया. फिर खिलाड़ियों की भी बोली लगी और इसका आइडिया एनबीए से ही लिया गया. 12 सितंबर 2007 को ललित मोदी ने दिल्ली में राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, ग्लेन मैक्ग्रा और स्टीफन फ्लेमिंग जैसे सितारों को साथ लेकर आईपीएल का आधिकारिक ऐलान कर दिया. इसके बाद जो हुआ वह जगजाहिर और इतिहास है.
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