ईरानी कप में सौराष्ट्र ने बाएं हाथ के स्पिनर पार्थ भुट के बूते पासा पलट दिया. मुकाबले के तीसरे दिन भुट ने 53 रन देकर सात विकेट लिए जिससे शेष भारत दूसरी पारी में 160 रन पर सिमट गया. मयंक अग्रवाल ने सबसे ज्यादा 49 तो साई सुदर्शन ने 43 रन की पारी खेली. इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 85 रन जोड़े. टीम के सात बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा तक पार नहीं कर पाए. भुट के अलावा तीन कामयाबी धर्मेंद्र सिंह जडेजा के नाम रही. इससे सौराष्ट्र को जीत के लिए 255 रन का लक्ष्य मिला. सौराष्ट्र की पहली पारी 214 रन तक चली थी. सौरभ कुमार के चार और विदवत कवरप्पा के तीन विकेटों से शेष भारत ने पहली पारी के आधार पर 94 रन की बढ़त ली. शेष भारत ने पहली पारी में 308 रन बनाए थे.
सौराष्ट्र की पारी तीसरे दिन दो रन जोड़ने के बाद सिमट गई. सौरभ ने जयदेव उनादकट के रूप में आखिरी विकेट चटकाया. उन्होंने 65 रन देकर चार शिकार किए. शेष भारत को दूसरी पारी में भी सुदर्शन और मयंक ने अच्छी शुरुआत दी. दोनों ने संयमभरी बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतकीय साझेदारी की. धर्मेंद्र सिंह जडेजा की स्पिन ने सौराष्ट्र को पहली कामयाबी दिलाई. उन्होंने मयंक को विकेटकीपर हार्विक देसाई के हाथों कैच कराया. 93 गेंद की पारी में मयंक ने छह चौके लगाए. वह एक रन से अर्धशतक से दूर रह गए. भुट ने सुदर्शन को अपना पहला शिकार बनाया. बाएं हाथ का तमिलनाडु का बल्लेबाज लगातार दूसरी पारी में अर्धशतक लगाने से चूक गया. उनकी पारी में तीन चौके शामिल रहे.
कौन हैं पार्थ भुट
भुट रवींद्र जडेजा को अपना आदर्श मानते हैं. इस साल की शुरुआत में उन्होंने सौराष्ट्र रणजी टीम में जडेजा की जगह ली थी. चोट से लौटने के बाद जडेजा रणजी खेलने गए थे. वे टीम इंडिया में शामिल हो गए तो उनकी जगह भुट से ही भरी गई. ईरानी कप से पहले पार्थ भुट ने 10 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 335 रन बनाने के साथ ही 21 विकेट लिए हैं.
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