भारतीय घरेलू क्रिकेट में इन दिनों सबसे बड़ी फर्स्ट क्लास रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) का 2022-23 सीजन जारी है. इसमें टीम इंडिया से लगातार बाहर चलने वाले पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने अपने बल्ले से फिर से करारा जवाब दिया है. शॉ को पिछले काफी समय से टीम इंडिया में एंट्री नहीं मिल रही है. जबकि इससे इतर वह घरेलू क्रिकेट में लगातार रनों का अंबार लगाते चले जा रहे हैं. इसी कड़ी में पृथ्वी शॉ ने अब मुंबई की तरफ से रणजी ट्रॉफी में खेलते हुए असम के खिलाफ 41 चौके और दो छक्कों से तिहरा शतक जड़ डाला है. जो कि घरेलू क्रिकेट करियर में उनका पहला तिहरा शतक भी है. इसके साथ ही उन्होंने एक अनोखा इतिहास रचा है. जो भारतीय घरेलू क्रिकेट में अभी तक कोई भी बल्लेबाज नहीं कर सका है.
240 रनों से आगे खेलने उतरे पृथ्वी शॉ
गौरतलब है कि मैच के पहले दिन ही शॉ ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की थी और 240 रनों पर नाबाद रहे थे. इसके बाद मैच के दूसरे दिन भी वह फॉर्म में नजर आए और अमीनगांव क्रिकेट ग्राउंड पर उन्होंने मैच के दूसरे दिन तेज तर्रार तिहरा शतक जड़ डाला. शॉ ने 326 गेंदों पर 41 चौके और दो छक्कों की मदद से तिहरा शतक पूरा किया. हालांकि इसके बाद भी वह शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे मगर रणजी ट्रॉफी में 400 रनों के मुकाम को नहीं पा सके. शॉ को असम के रियान पराग ने एलबीडबल्यू कर दिया और वह 383 गेंदों में 49 चौके व चार छक्के से 379 रन पर आउट हो गए. इस तरह वह 400 रनों के मुकाम से जहां 21 रन पीछे रह गए तो वह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे अधिक स्कोर की पारी खेलने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए.
रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक रनों की पारी खेलने वाले बल्लेबाज :-
शॉ जैसा कोई नहीं
इस तरह रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक जड़ने के साथ वह भारतीय घरेलू क्रिकेट के फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तिहरा शतक. जबकि 50 ओवरों के लिस्ट ए टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में दोहरा जबकि टी20 सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में वह शतक जड़ने वाले इकलौते भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं.
रहाणे ने भी जड़ा शतक
वहीं पृथ्वी शॉ के अलावा बात करें तो मुंबई के अन्य अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने भी दमदार शतकीय पारी खेल डाली. रहाणे भी खबर लिखे जाने तक 252 गेंदों में 9 चौके की बदौलत 131 रन बना चुके थे. इस तरह रहाणे और शॉ के शतक की बदौलत मुंबई ने पहले खेलते हुए तीन विकेट पर 598 रनों का विशाल स्कोर बना डाला था. रहाणे और शॉ के बीच तीसरे विकेट के लिए 510 गेंदों में 401 रनों की विशाल साझेदारी हुई. जिससे मुंबई ने मैच में पूरी तरह अपनी पकड़ बना ली है.