राजस्थान ने विजय हजारे ट्रॉफी 2023 के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. उसने क्वार्टर फाइनल में केरल को 200 रन के बड़े अंतर से मात देकर अंतिम-चार का टिकट कटाया. राजस्थान के 16 साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचने के नायक महिपाल लोमरोड और पेसर अनिकेत चौधरी रहे. महिपाल ने छह चौकों व छह छक्कों से नाबाद 122 रन की पारी खेली जिससे राजस्थान ने आठ विकेट पर 267 रन का स्कोर बनाया. फिर अनिकेत ने 26 रन देकर चार विकेट लिए जिससे केरल 67 रन ही बना सका. उसे संजू सैमसन की कमी खली जो साउथ अफ्रीका दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा बनने की वजह से टीम के लिए उपलब्ध नहीं थे. महिपाल और अनिकेत दोनों आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेल चुके हैं. हालांकि अनिकेत अब नहीं खेलते लेकिन महिपाल अभी भी इस फ्रेंचाइज का हिस्सा हैं.
राजकोट में खेले गए मुकाबले में केरल की कप्तानी कर रहे रहोन कुन्नुमल ने टॉस जीता और राजस्थान को पहले बैटिंग का न्योता दिया. राजस्थान की बैटिंग का दारोमदार पूरी तरह से महिपाल ने उठाया जिन्होंने लिस्ट ए करियर का दूसरा शतक बनाया. उन्होंने एक छोर थाम लिया और छोटी-छोटी साझेदारियों के दम पर पारी को आगे बढ़ाया. उनके और 21 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज कुनाल सिंह राठौड़ के बीच पांचवे विकेट के लिए 116 रन की अहम साझेदारी हुई जिससे टीम मैच जिताऊ लक्ष्य तक पहुंच सकी. कुनाल ने छठे नंबर पर उतरकर सात चौकों व दो छक्कों से 66 रन की पारी खेली. यह लिस्ट ए में उनका दूसरा पचासा रहा. महिपाल ने 114 गेंद खेली और छह छक्के व इतने ही चौके लगाए. केरल की ओर से छह गेंदबाज मोर्चे पर आए और इनमें अखिन सतार सबसे कामयाब रहे जिन्होंने 62 रन देकर तीन विकेट लिए.
केरल की तरफ से केवल सचिन लड़ सके
लक्ष्य का पीछा करते हुए केरल की टीम राजस्थान की पेस बॉलिंग के आगे घुटने टेक बैठी. सचिन बेबी (28) और रोहन ही ऐसे बल्लेबाज रहे जो दहाई का आंकड़ा पार कर सके. बाकी सब खलील अहमद, अराफात खान और अनिकेत चौधरी के पेस के आगे नहीं टिक सके. इन तीनों ने मिलकर 21 ओवर के अंदर केरल की बैटिंग का बोरिया-बिस्तर बांध दिया. सचिन ने लड़ाई लड़ी और एक चौका व दो छक्के लगाए. वह आखिरी बल्लेबाज के तौर पर आउट हुए. केरल के अनुभवी बल्लेबाज विष्णु विनोद पहली ही गेंद पर रिटायर्ड हर्ट हो गए और वह दोबारा बैटिंग के लिए नहीं आ सके. अनिकेत ने चार शिकार किए तो अराफात ने 20 रन देकर तीन और खलील ने 15 रन देकर दो बल्लेबाज आउट किए.
राजस्थान का इससे पहले विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे अच्छा प्रदर्शन 2007 में रहा था. तब टीम ने फाइनल खेला था जहां पर उसे मुंबई से शिकस्त मिली थी.
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