दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच जारी है. वहीं भारत के घरेलू क्रिकेट की सबसे बड़ी मानी जाने वाली रणजी ट्रॉफी फाइनल (Ranji Trophy Final) मैच के लिए जयदेव उनादकट को रिलीज कर दिया गया था. इस तरह टीम इंडिया से बाहर होने के बाद उनादकट ने अपनी कप्तानी में पिछले तीन सालों में दूसरी बार सौराष्ट्र को रणजी ट्रॉफी का खिताब जिता डाला. बंगाल के खिलाफ फाइनल मैच में उनादकट ने कहर बरपाते हुए 9 विकेट चटकाए. जिससे बंगाल की टीम को 9 विकेटों से हार का सामना करना पड़ा. इस तरह बंगाल की टीम जहां साल 1990 के बाद से रणजी ट्रॉफी के खिताब पर कब्जा जमाने से चूक गई. जबकि रणजी ट्रॉफी के फाइनल में उसे 13वीं बार हार का सामना करना पड़ा है. सौराष्ट्र ने पहली पारी में विशाल 404 रन बनाए थे. जबकि बंगाल पहली पारी में 174 और उसके बाद दूसरी पारी में 241 रन बनाने के साथ हार गया. बंगाल ने सौराष्ट्र को 12 रनों का टारगेट दिया था और इसे उनादकट की टीम ने एक विकेट गंवाकर हासिल कर लिया.
174 पर सिमट गई थी बंगाल
कोलकाता के ईडन गार्डन स्टेडियम में खेले जाने वाले मैच में सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था. इसे उनादकट और उनके गेंदबाजों ने सही भी साबित किया और पहली पारी में ही बंगाल को बैकफुट पर धकेल दिया था. टीम इंडिया से रिलीज होने के बाद मैदान में आते ही बतौर कप्तान उनादकट ने पहली पारी में तेज गेंदबाजी से कहर बरपाया और तीन विकेट चटकाए. जिससे बंगाल की टीम पहली पारी में 174 रनों पर ही सिमट गई. बंगाल के लिए पहली पारी में सबसे अधिक 69 रन शाहबाज अहमद ने ही बनाए.
सौराष्ट्र ने बनाए 404 रन
इस तरह बंगाल को समेटने के बाद सौराष्ट्र के बल्लेबाजों ने भी दमखम दिखया और बंगाल के गेंदबाजों को खदेड़कर रख दिया. सौराष्ट्र के लिए पहली पारी में अर्पित वसावड़ा ने 156 गेंदों पर 11 चौके से जहां सबसे अधिक 81 रनों की पारी खेली. जबकि उनके अलावा हार्विक देसाई (50), शेल्डन जैक्सन (59) और चिराग जानी (60) ने भी अर्धशतकीय पारियां खेली. जिससे सौराष्ट्र ने बंगाल के पहली पारी के जवाब में विशाल 404 रनों का स्कोर बनाया और 230 रनों की बढ़त बना डाली. बंगाल के लिए पहली पारी में चार विकेट मुकेश कुमार ने लिए.
उनादकट ने चटकाए 6 विकेट
अब 230 रनों से पीछे होने के बाद ही बंगाल की टीम शिकंजे में कसी हुई नजर आ रही थी. इसके बाद सौराष्ट्र के लिए एक बार फिर से कप्तान जयदेव उनादकट ने अपनी तेज गेंदबाजी से जलवा दिखाया और अपने पंजे सहित 6 विकेट लेकर बंगाल को समेटकर रख डाला. जिससे बंगाल की टीम चौथे दिन दूसरी पारी में 241 रनों पर सिमट गई और उसे अपने घर में रणजी फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. बंगाल ने सौराष्ट्र को 12 रनों का आसान सा लक्ष्य दिया और उसने 9 विकेट से मैच अपने नाम कर डाला. सौराष्ट्र के लिए हीरो उनके कप्तान जयदेव उनादकट रहे. जिन्होंने दूसरी पारी में 6 विकेट सहित मैच में कुल 9 विकेट चटकाए और रणजी ट्रॉफी के पिछले तीन एडिशन में अपनी कप्तानी में सौराष्ट्र को दूसरी बार चैंपियन बनाया. पिछली बार सौराष्ट्र ने साल 2019-20 सीजन में रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था. वहीं बंगाल की टीम का 30 साल बाद रणजी ख़िताब जीतने का सपना धरा रह गया.
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