IND vs ENG: 41 ओवर और लगभग दो सेशन बीतने के बाद भारत के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को याद आया कि रांची में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के लिए उनके पास प्लेइंग 11 में कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) भी हैं. बाएं हाथ का स्पिनर तब तक सिर्फ फील्डिंग ही कर रहा था और अपनी टीम के लिए कीमती रन बचाने में योगदान दे रहा था. टीम के भीतर जब आर अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे गेंदबाज हों तो कप्तान के लिए दोनों के हाथों से गेंद लेना बेहद मुशकिल होता है. पिछले घरेलू सीजन के दौरान रोहित ने खुद इस बात पर सहमति भी जताई थी. लेकिन रांची टेस्ट का पहला दिन खत्म होने के बाद जब रोहित ड्रेसिंग रूम के भीतर गए होंगे तब उन्हें जरूर इस बात का एहसास हुआ होगा कि उन्होंने मैच में कुलदीप यादव को पहले गेंदबाजी न देकर गलती कर दी.
चौथे टेस्ट के पहले दिन, दूसरे सबसे किफायती गेंदबाज, कुलदीप ने भारत के 90 में से सिर्फ 10 ओवर फेंके. यह उस दिन के भारत के सबसे महंगे गेंदबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) से तीन कम है. कुलदीप को कोई विकेट तो नहीं मिला लेकिन वह अपनी लाइन से काफी प्रभावशाली रहे. वहीं इस दौरान जडेजा ने 27 ओवर फेंके और अश्विन ने 22. पहले दिन का खेल खत्म होने तक दोनों ही गेंदबाजों को 1-1 विकेट के साथ संतुष्ट होना पड़ा था. हां, अगर कुलदीप यादव को भी इस बीच पहले लाया गया होता तो हो सकता था कि यहां नतीजा कुछ और होता.
पूर्व क्रिकेटर्स का रिएक्शन
पूर्व भारतीय क्रिकेटर आरपी सिंह ने कहा कि रोहित को कुलदीप यादव से गेंदबाजी करवानी चाहिए थी. गेंदबाजों ने काफी मेहनत की. अश्विन- जडेजा और तेज गेंदबाजों ने अच्छा खेल दिखाया. लेकिन इस दौरान मुझे सिर्फ ये अजीब लगा कि कुलदीप यादव से गेंदबाजी क्यों नहीं करवाई गई.
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