भारतीय क्रिकेट टीम ने आखिरी बार साल 2013 में आईसीसी टूर्नामेंट जीता था. एमएस धोनी की कप्तानी में टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था. 10 साल बाद रोहित शर्मा के पास अब टीम की कमान है और ये कप्तान आईसीसी ट्रॉफी जीतने का सूखा खत्म करना चाहता है. मौका है वनडे वर्ल्ड कप 2023 का जिसकी शुरुआत 5 अक्टूबर से इंग्लैंड और न्यूजीलैंड मुकाबले से हो रही है. इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में रोहित ने कहा कि, हां हमने लंबे समय से वर्ल्ड कप नहीं जीता है लेकिन मैं वो व्यक्ति नहीं जो खुद को मुश्किल जगह रखूं जहां से फैसले न ले सकूं.
रोहित ने कहा कि, इंग्लैंड ने जीतना शुरू कर दिया है और टीम ने साल 2019 वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था. ये सब होता है. ऑस्ट्रेलिया इकलौती ऐसी कंसिस्टेंट टीम है जो लगातार खिताब जीतती है. लेकिन इस बार कौन वर्ल्ड कप जीतेगा. इसपर मैं कुछ कह नहीं कह सकता. बस मुझे इतना पता है कि टीम अच्छा कर रही है. हर कोई फिट है और मैं इसी की कामना करता हूं.
फैंस को काफी उम्मीदें हैं
रोहित ने कहा कि, भारतीय फैंस को हमसे काफी ज्यादा उम्मीदें हैं. हम उसे कंट्रोल नहीं कर सकते. भारत में हम जहां जाते हैं, चाहे होटल हो या एयरपोर्ट. हर कोई यही कहता है कि सर इस बार वर्ल्ड कप जीतना है. बता दें कि भारतीय टीम पिछले कुछ समय से लगातार अच्छा कर रही है लेकिन टीम अंतिम स्टेज में हार जाती है. साल 2015 में टीम को ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल में हराया. साल 2019 में न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में हराया. साल 2021 और 2022 टी20 वर्ल्ड कप में टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पाई.
रोहित ने इसपर जवाब देते हुए कहा कि, “अब हर साल एक आईसीसी ट्रॉफी होती है. यदि आप नहीं जीतते हैं तो आपके लिए वो साल खराब हो जाता है. लोग यहां ये भूल जाते हैं कि इन 10 महीनों में क्या अच्छा काम हुआ है. यह सही है कि भारतीय क्रिकेट टीम के रूप में हमसे बड़ी ट्रॉफियां जीतने की उम्मीद की जाती है. हम दुनिया की टॉप टीमों में से एक हैं और हमें इसमें शानदार प्रदर्शन करना होगा. लेकिन अब तक हम सिर्फ निराश ही करते आए हैं.
हां मुझे कप्तानी देर से मिली
रोहित से जब ये पूछा गया कि क्या 26 साल की उम्र में उन्हें कप्तानी मिलने में थोड़ी देर हो गई? इसपर उन्होंने कहा कि, “जाहिर तौर पर, आप इसके लिए अपने चरम पर होना चाहते हैं, मान लीजिए जब आप 26-27 साल के हों. लेकिन आपको हमेशा वह नहीं मिल सकता जो आप चाहते हैं. जब आप भारत की कप्तानी की बात कर रहे होते हैं तो भारतीय टीम में कई दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं जो कप्तान बनने के हकदार थे लेकिन उन्हें कप्तानी नहीं मिली. मुझे अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा और यह बिल्कुल उचित है. मुझसे पहले कई लोग थे जिसमें विराट और धोनी का नाम शामिल है.
रोहित ने आगे कहा कि, अगर हम उन नामों की बात करें जो छूट गए तो गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग… ये सभी भारतीय क्रिकेट के दिग्गज हैं. युवराज सिंह को नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कभी भारत की कप्तानी नहीं की. युवराज भारत के लिए ऐसे मैच विनर रहे हैं कि वो किसी समय भी टीम के कप्तान बन सकते थे. लेकिन उन्हें कप्तानी नहीं मिली. यही जीवन है. मुझे यह अब मिल गया है और मैं इसके लिए आभारी हूं. मैं इसे तभी पसंद करता जब मैं जानता कि किसी टीम की कप्तानी कैसे करनी है. पहले मुझे कप्तानी की एबीसीडी नहीं आती थी लेकिन अब मैंने जब सबकुछ सीखा है तो तब मुझे कप्तानी मिली है.
हमारे लिए ये वर्ल्ड कप आसान नहीं होगा
रोहित ने वर्ल्ड कप 2023 को लेकर कहा कि, विश्व कप फाइनल में पहुंचने के लिए एक टीम को 11 मैच खेलने होंगे. आखिरी बार हमने यह फॉर्मेट 2019 में खेला था, लेकिन डेढ़ महीने में 11 वनडे मैच खेलना आसान नहीं है.' यह एक लंबा विश्व कप है. हम नहीं चाहते कि हमारा कोई भी तेज गेंदबाज खराब हो. इसलिए हमने उनमें से अधिक को चुना है.”
साल 2011 वर्ल्ड कप टीम की तुलना को लेकर रोहित ने कहा कि, धोनी की अगुवाई वाली विश्व कप विजेता टीम में अधिक अनुभवी खिलाड़ी थे. “2011 की टीम में, हर कोई एक बड़ा नाम था. क्या कोई स्थिति बदली? नहीं, आपको अचानक हरभजन सिंह को 4-5वें नंबर पर लाने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि सभी लोग जिस स्थिति में खेले वो मैच विजेता साबित हुए. अब हमारे पास कई नए चेहरे हैं. हमें चोट की समस्या थी, दो खिलाड़ी (राहुल और श्रेयस) दो महीने बाद वापसी कर रहे हैं. इसलिए हमारे मामले में चीजें थोड़ी अलग हैं.
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