महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी पर निराशा जताई है. साथ ही राहुल द्रविड़, पारस म्हाम्ब्रे, विक्रम राठौड़ से सजे कोचिंग स्टाफ की जिम्मेदारी तय करने की बात भी कही है. सुनील गावस्कर का मानना है कि भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप 2022 के फाइनल में नहीं जा सकी, ऑस्ट्रेलिया से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हार गई और साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज में खराब खेली. उन्होंने कहा कि भारत की नाकामियों का सेलेक्टर्स और बीसीसीआई की ओर से सही तरीके से रिव्यू होना चाहिए.
दी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में गावस्कर ने कहा, 'मुझे उससे (रोहित) से काफी उम्मीदें थीं. भारत में मामला अलग होता है लेकिन जब आप बाहर जाते हैं तब आपकी परीक्षा होती है. वहां पर वह थोड़ा निराश करता है. यहां तक कि टी20 फॉर्मेट में भी, जबकि आईपीएल का इतना अनुभव है, कप्तान के तौर पर 100 के आसपास मैच खेले हैं और आईपीएल के बेस्ट प्लेयर मौजूद हैं लेकिन फिर भी हम फाइनल में नहीं पाए. इससे निराशा होती है.'
गावस्कर ने पूछा- क्या नाकामियों की समीक्षा हुई?
भारत के पूर्व कप्तान ने पूछा कि क्या बोर्ड और सेलेक्टर ने हार के बाद सही तरीके से समीक्षा की. डब्ल्यूटीसी फाइनल हारने के मसले पर उन्होंने कहा कि कोच द्रविड़ और कप्तान रोहित से उनके फैसलों को लेकर सवाल किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा, 'आपने पहले फील्डिंग क्यों की? ठीक है टॉस के समय बता दिया था कि आसमान में बादल छाए हुए थे. सवाल यह है कि उसके बाद क्या आपको ट्रेविस हेड की छोटी गेंद के सामने कमजोरी नहीं पता थी? जब वह 80 रन बना चुका था तब ही बाउंसर क्यों काम में ली गई? जिस समय हेड बैटिंग के लिए आया तब रिकी पोंटिंग हमारे साथ कॉमेंट्री में थे. उन्होंने कहा था, उसे बाउंसर मारो, उसे बाउंसर मारो. सबको यह पता था लेकिन हमने कोशिश नहीं की.'
तैयारियों में कमी के मसले पर भड़के गावस्कर
डब्ल्यूटीसी फाइनल हारने के बाद रोहित शर्मा ने तैयारियों में कमी की बात कही थी. इससे गावस्कर सहमत नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम किस तरह की तैयारियों की बात कर रहे हैं. अब वे वेस्ट इंडीज गए हैं. आपके पास वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का उदाहरण है. क्या आप कोई मैच खेल रहे हैं? तो फिर यह क्या 20-25 दिन की बात है? जब आप तैयारी की बात करते हैं तब सही बात करो. 15 दिन पहले जाओ, दो वॉर्म अप मैच खेलो. मुख्य खिलाड़ी आराम कर सकते हैं लेकिन नए खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वालों को चुनौती दे सकते हैं. उन्हें यह साबित करने का मौका ही नहीं मिलता कि वह कितने अच्छे हैं.'
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