केएल राहुल (KL Rahul) के टेस्ट करियर की फॉर्म को लेकर काफी समय से सवाल उठ रहे हैं. सवाल उठाने वालों में भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) का नाम भी आता है. वे प्रमुखता से केएल राहुल को निशाने पर ले रहे हैं और अपने पक्ष में आंकड़े भी रखे रहे हैं. कुछ लोग राहुल का बचाव कर रहे हैं और इनमें आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) का नाम भी हैं. अब केएल राहुल की फॉर्म को लेकर वेंकटेश और आकाश आमने-सामने हो गए हैं. दोनों सोशल मीडिया के जरिए अपने-अपने तर्क रख रहे हैं और साथ ही एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. वेंकटेश प्रसाद ने 21 फरवरी को एक के बाद एक कई ट्वीट कर आकाश पर पलटवार किया.
उन्होंने आकाश चोपड़ा के यूट्यूब वीडियो का रेफरेंस देते हुए आरोप लगाया कि भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज उन्हें एजेंडा फैलाने वाला कह रहे हैं. वेंकटेश ने लिखा, 'तो मेरे दोस्त आकाश चोपड़ा आज सुबह यूट्यूब पर एक नीचा दिखाने वाला वीडियो बनाते हैं जिसमें वे मुझे एजेंडा फैलाने वाला कहते हैं, अपनी सुविधा और चतुराई से मेरी बातों को गलत संदर्भ में लेते हैं, घर में मयंक की 70 की औसत को हटा देते हैं, जो उनके साथ नहीं हैं उन विचारों को रोकना चाहते हैं. वेंकटेश ने साफ किया कि आकाश चोपड़ा ने वीडियो जारी कर उन पर एजेंडा फैलाने का आरोप लगाया इसलिए वह सार्वजनिक रूप से जवाब दे रहे हैं.'
एजेंडा चलाने के आरोप पर क्या बोले वेंकटेश
वेंकटेश ने फिर से दोहराया कि वे किसी खिलाड़ी के खिलाफ नहीं हैं और न ही किसी को लेकर एजेंडा चला रहे हैं. उन्होंने आकाश चोपड़ा के बारे में कहा कि जिन्होंने विचारों को बयां करके शानदार करियर बनाया है और वहीं अब दूसरों को इस बारे में ज्ञान दे रहे हैं. वेंकटेश ने लिखा, 'मैं केएल या किसी खिलाड़ी के खिलाफ नही हूं. मेरा बयान गलत चयन और प्रदर्शन करने वालों केलिए अलग-अलग पैमाने रखने को लेकर था. फिर चाहे सरफराज हो या कुलदीप. लेकिन यह देखकर निराशा हुई कि आकाश इसे पर्सनल एजेंडा कह रहे हैं.'
10 साल पुराने ट्वीट से घेरा
कर्नाटक से आने वाले वेंकटेश ने आकाश चोपड़ा के 10 साल पुराने ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, 'जब रोहित 24 साल के थे और उनका इंटरनेशनल करियर चार साल का था तब यह बात आकाश ने लिखी थी. वह रोहित के 24 के होने पर सरकाज्म का इस्तेमाल कर सकते हैं और मैं 31 साल की उम्र और आठ साल का इंटरनेशनल अनुभव रखने वाले राहुल के बारे में नहीं कह सकता. ये भी सही है. और तर्क यह है कि हमें मैच चलते समय किसी खिलाड़ी की आलोचना नहीं करनी चाहिए. यह मेरी समझ में नहीं आता. इससे खिलाड़ी के प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ता. बहुत से खिलाड़ी मैच के बाद भी यह सब नहीं देखते और मैच के दौरान खिलाड़ी यह सब नहीं देख सकते क्योंकि फोन जमा रहते हैं.'
ये भी पढ़ें
'मैं चुपचप टॉयलेट गया और आंसू बहाए', जानिए क्यों दिनेश कार्तिक ने केएल राहुल को कहा सॉरी
धवन-मयंक से खराब आंकड़े फिर भी केएल राहुल को टीम इंडिया में क्यों मिल रहे हैं इतने मौके?