IND vs AUS : अश्विन-जडेजा की फिरकी बनीं ऑस्ट्रेलिया का काल, 3 दिन में फिर भारत ने कंगारुओं को 6 विकेट से पीटा

IND vs AUS : अश्विन-जडेजा की फिरकी बनीं ऑस्ट्रेलिया का काल, 3 दिन में फिर भारत ने कंगारुओं को 6 विकेट से पीटा

नागपुर टेस्ट मैच में जिस तरह भारतीय स्पिनरों के सामने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पानी मांगते नजर आए थे. ठीक वही कहानी राजधानी दिल्ली में भी देखने को मिली. दिल्ली के अरुण जेटली मैदान पर जब तीसरे दिन भारत के धाकड़ स्पिनर रवींद्र जडेजा और आर. अश्विन गेंदबाजी करने उतरें तो उन्होंने बाजी पलटकर रख डाली. अश्विन और जडेजा ने मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के 9 विकेट 52 रन के अंदर चटका डाले. जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी में 113 रनों पर सिमट गई और भारत को जीत के लिए 115 रनों का आसान सा लक्ष्य मिला. जिसे भारत ने 4 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया और नागपुर टेस्ट मैच को तीन दिन में जीतने के बाद दिल्ली में भी तीसरे दिन 6 विकेट की जीत से चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त हासिल कर डाली. भारत के लिए दूसरी पारी में जडेजा ने करियर का बेस्ट स्पेल डाला और 42 रन देकर 7 विकेट चटकाए. जबकि दोनों पारियों को मिलाकर देखें तो जडेजा ने 10 जबकि अश्विन ने कुल 6 विकेट चटकाए.

 

स्पिनरों का ऑस्ट्रेलिया में खौफ  


दिल्ली टेस्ट मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम 62 रनों की लीड के साथ 61 रन पर एक विकेट से आगे खेलने उतरी. जिससे ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम इस बार कुछ फाइटिंग टोटल भारत को देगी. मगर अश्विन और जडेजा की फिरकी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की एक बार फिर से कलई खोल डाली. स्टीव स्मिथ हो या मार्नस लाबुशेन या फिर उस्मान ख्वाजा. इन सभी प्रमुख बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनरों की गेंद का पता ही नहीं चल रहा था कि टिप्पा खाने के बाद गेंद अंदर जाएगी या फिर बाहर. जिससे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पवेलियन से आते-जाते नजर आए.

 

जडेजा ने चटकाए 7 विकेट 


तीसरे दिन 61 रन पर एक विकेट के नुकसान पर ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने खेल को आगे बढाया. मगर अश्विन और जडेजा के आगे उनकी एक भी ना चली. अश्विन ने सबसे पहले ट्रेविस हेड को चलता किया और वह 43 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए. इसके बाद अश्विन ने स्टीव स्मिथ (9) को चलता किया. फिर जडेजा ने एंट्री मारी और दनादन विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलियाई पारी को उखाड़ फेंक दिया. जिसका आलम यह रहा कि तीसरे दिन 61 रन से आगे खेलने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 31.1 ओवर में ही 113 रनों पर सिमट गई. जिसमें भारत की तरफ से जडेजा ने अपने करियर का सबसे बेस्ट गेंदबाजी स्पेल फेंका और 42 रन देकर सात विकेट चटकाए. जबकि दूसरी पारी में बाकी तीन विकेट अश्विन ने चटकाए. जिससे भारत को 115 रनों का लक्ष्य चेस करना पड़ा.

 

राहुल फिर रहे फ्लॉप


115 रनों के टारगेट का पीछा करते समय उसकी शुरुआत सही नहीं रही और आउट ऑफ़ फॉर्म चल रहे सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने फिर से सभी को निराश किया. राहुल दूसरी पारी में तीन गेंद पर एक रन बनाकर नाथन लायन का शिकार बन गए. जबकि इसके बाद कप्तान रोहित शर्मा ने 20 गेंद में तीन चौके और दो छक्के से 31 रनों की तेज पारी खेली.

 

25000 रनों के मुकाम को कोहली ने किया पार 


इसके बाद विराट कोहली भी 20 रनों की ही पारी खेल सके और इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर के सबसे तेज 25000 रन भी पूरे कर डाले. कोहली ने 549वीं पारी में इस मुकाम को हासिल किया तो सचिन तेंदुलकर ने 577वीं पारी में इस मुकाम को पार किया था. हालांकि चेतेश्वर पुजारा अपने 100वें टेस्ट मैच की दूसरी पारी नाबाद टिके रहे और उन्होंने 31 रन बनाए. जबकि उनके साथ क्रीज पर विकेटकीपर बल्लेबाज केएस भरत भी 23 रन बनाकार नाबाद रहे. इस तरह टीम इंडिया ने चार विकेट पर 118 रन बनाए और मैच को 6 विकेट से अपने नाम कर डाला. ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरी पारी में सबसे अधिक दो विकेट नाथन लायन ने लिए.

 

पहली पारी में चला अक्षर का बल्ला 


वहीं मैच में इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने दिल्ली टेस्ट मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 263 रन बनाए थे. जिसमें उसकी तरफ से सबसे अधिक 81 रनों की पारी सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा तो पीटर हैंड्सकॉम्ब ने भी 72 रनों की नाबाद पारी खेली थी. भारत के लिए पहली पारी में शमी ने चार तो अश्विन और जडेजा ने तीन-तीन विकेट हासिल किए थे. इसके बाद भारत की स्थिति भी एक समय 139 रनों पर सात विकेट के बाद खराब हो गई थी. मगर 8वें विकेट के लिए अश्विन और अक्षर पटेल ने 114 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी निभाई. जिससे टीम इंडिया मैच में वापसी कर सकी. अश्विन ने जहां 37 रन बनाए तो अक्षर पटेल ने बल्ले से 115 गेंदों पर 9 चौके और तीन छक्के से 74 रनों की पारी खेलकर भारत को 261 रनों तक पहुंचाया. जिससे ऑस्ट्रेलिया को एक रन की ही लीड नसीब हुई थी. ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरी पारी में 5 विकेट नाथन लायन ने लिए थे. हालांकि उनका प्रयास भारत को जीत नहीं दिला सका. 

 

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