रविचंद्रन अश्विन ने भारत और बांग्लादेश के बीच चेन्नई में खेले जा रहे पहले टेस्ट के दौरान करियर को लेकर एक बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि वह अब आजाद होकर क्रिकेट खेलने पर ध्यान दे रहे हैं. उन्होंने खुद को अंदरुनी और बाहरी दोनों तरह के दबाव की बेड़ियों से आजाद कर लिया. अब वह केवल क्रिकेट खेलने पर ध्यान देते हैं. आर अश्विन ने चेन्नई टेस्ट में भारत की पहली पारी में शतक लगाया. उन्होंने रवींद्र जडेजा के साथ 199 रन की साझेदारी की और टीम इंडिया को छह विकेट पर 144 रन के मुश्किल हालात से निकाला.
38 साल के अश्विन ने कहा कि अब वह केवल क्रिकेट के मैदान पर ही दबावभरे हालात का सामना करते हैं. पहले वह मामूली सी बात पर भी प्रतिक्रिया दिया करते थे. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,
मुझे दबाव का सामना करने में आनंद आता है और इसे अपनाना चाहता हूं. इसमें कोई शक नहीं है. इससे आपके सामने ऐसे मौके आते हैं जहां पर आपको एक कॉर्नर में धकेल दिया जाता है और वहां से आपको जवाब देना होता है. लेकिन मैं पहले अपना और दूसरों का काफी आलोचक था क्योंकि लोगों ने मुझ पर काफी दबाव बनाया. मैंने खुद भी दबाव बढ़ाया. मैं हमेशा जवाब दिया करता था, फिर वह प्रदर्शन को लेकर हो या प्रेस कॉन्फ्रेंस में हो. लेकिन अब ऐसा नहीं है. मैं अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ क्रिकेट खेलना चाहता हूं. चार-पांच साल पहले मैंने खुद से वादा किया कि अब मैं किसी को जवाब नहीं दूंगा और मैं अभी भी इस पर बरकरार हूं.
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