टीम इंडिया का मिशन चैंपियंस ट्रॉफी शुरू हो चुका है. दुबई में रोहित शर्मा की सेना खिताब जीतने के लिए पसीना बहा रही है. दुबई में आईसीसी एकेडमी में टीम प्रैक्टिस कर रही है. इस दौरान टीम इंडिया के जोखिमभरे फैसले का रियलिटी चेक भी हो गया है. दरअसल टीम इंडिया के 15 सदस्यीय स्क्वॉड में पांच स्पिनर्स को चुना गया है और पांच स्पिनर्स के चुनने पर काफी सवाल भी उठाए गए.
अजीत अगरकर की सेलेक्शन कमिटी के इस फैसले को काफी जोखिम भरा बता जा रहा था, क्योंकि दुबई में ओस काफी बड़ा फैक्टर है,जहां टॉस काफी अहम बन जाता है. ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम अपने बॉलिंग चुनना पसंद करती है, ताकि ओस गिरने के बाद दूसरी पारी में वह बैटिंग करे. ओस स्पिनर्स को काफी परेशान करती है. स्पिनर्स का काफी पिटाई होती है.
इसी वजह से टीम इंडिया के पांच स्पिनर्स पर सवाल खड़े हो रहे है. इसे जोखिमभरा फैसला बताया जा रहा है, क्योंकि ओस गिरने पर टीम इंडिया को तीन स्पिनर्स को खिलाना ही पड़ेगा और फिर ये दांव भारत पर उल्टा पड़ सकता है, मगर टीम के इस फैसले के रियलिट चेक होने के बाद जो बात सामने आई है, वह राहत देने वाली है.
गेंद गीली होने का डर खत्म!
स्पोर्ट्स तक ने दुबई में लाइव ड्यू टेस्ट किया. दुबई के समय के अनुसार रात 9 बजकर 40 मिनट पर ड्यू टेस्ट किया गया .इस समय तक तो टीम इंडिया के मैच भी खत्म हो जाएंगे. रात में भी घास सूखी नजर आई. यानी गेंद ओस के कारण गीली नहीं होगी. जो भारत के लिए राहत की बात है. दुबई में फरवरी और मार्च के शुरुआती 10 दिन बहुत ज्यादा गर्मी नहीं होती. हल्के बादल भी थे, जिससे ओस नहीं गिरती. कभी कभार थोड़ी बहुत गिर सकती है, मगर बहुत ज्यादा ओस नहीं गिरेगी और ऐसे में भारत का पांच स्पिनर्स का फैसला बाकी टीमों के नाक में दम कर सकता है.
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