दलीप ट्रॉफी 2023 फाइनल में साउथ जोन ने वेस्ट जोन को हराकर जीत हासिल की. इस जीत में कर्नाटक से आने वाले तेज गेंदबाज वासुकी कौशिक (Vasuki Koushik) का अहम रोल रहा. उन्होंने दूसरी पारी में चार विकेट चटकाए और वेस्ट जोन की टीम को लक्ष्य का पीछा करने के दौरान बैकफुट पर धकेल दिया. कौशिक ने चौथे दिन पृथ्वी शॉ, सूर्यकुमार यादव और चेतेश्वर पुजारा के विकेट चटकाए जिससे साउथ जोन ने शिकंजा कसा. उन्होंने मैच के आखिरी दिन शम्स मुलानी का विकेट लेकर कुल चार शिकार किए. वासुकी कौशिक क्रिकेट में आने से पहले एमेजॉन में काम किया करते थे. उनके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है. उन्होंने यह डिग्री बेंगलुरु के विश्वेश्वरेया कॉलेज से ली.
30 साल के कौशिक अभी सेंट्रल एक्साइज व कस्टम्स के लिए काम करते हैं. उन्होंने दलीप ट्रॉफी फाइनल में बॉलिंग के बारे में कहा, 'हमने अलग-अलग बल्लेबाजों के लिए अलग प्लान बनाए थे. आप देखेंगे कि पुजारा को अंदर आती गेंद पर समस्या होती है. मुझे लगा कि विकेट में मदद है इसलिए मैंने ऑफ स्टंप के बाहर गेंद पटकी और सोचा कि वह अंदर की तरफ जाएगी. मेरा यही प्लान था और मैं इस पर टिका रहा.' कौशिक पहली बार दलीप ट्रॉफी फाइनल खेल रहे थे.
इंजीनियरिंग के चलते छूटा क्रिकेट
अपने सफर के बारे में उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताया था, 'मैं केवल पैशन के चलते क्रिकेट खेला करता था. 17 साल की उम्र तक मुझे लीग या क्लब स्ट्र्क्चर के बारे में पता तक नहीं था. 17 का होने पर मैं लीग क्रिकेट खेलने लगा. बाद में मैं इंजीनियरिंग के लिए चला गया. परीक्षाओं के चलते कई मैच छूट जाया करता था. इसके चलते मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं होता था और जोनल टीमों में सेलेक्शन भी नहीं हो पाता था. इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद मैंने आठ महीने का ब्रेक लिया और तब मैं कर्नाटक की अंडर 23 टीम के लिए खेला. उस साल मैंने अच्छा खेल दिखाया. वहीं से मेरा लगाव बढ़ा. बाद में मैं एमेजॉन में चला गया. वहां पर डेढ़ साल तक कॉन्टेंट डेवलेपर के तौर पर काम किया. उस समय मैं हर तरह के मैच खेला करता था. इनमें लीग मैच, कॉर्पोरेट मैच, सब शामिल थे.'
कैसा रहा है कौशिक का करियर
2010 में कौशिक को कर्नाटक प्रीमियर लीग के लिए शमनूर देवणगिरी डायमंड्स ने चुना था. 2019 में उन्हें कर्नाटक की तरफ से घरेलू क्रिकेट में खेलने का मौका मिला. सबसे पहले फरवरी 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेले. इसके बाद विजय हजारे ट्रॉफी और रणजी टूर्नामेंट का रास्ता खुला. सैयद मुश्ताक अली के पहले ही सीजन में उन्होंने 10 मैच में 6.36 की इकॉनमी से 17 विकेट लिए और टीम के चैंपियन बनने में मुख्य भूमिका निभाई. अभी तक नौ फर्स्ट क्लास मैच में 42, 20 लिस्ट ए मैचों में 37 और 33 टी20 मुकाबलों में 40 विकेट वे ले चुके हैं.
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