राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड को हराकर BCCI से क्यों कहा- खिलाड़ियों की सुनो, उनका शरीर दांव पर होता है

राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड को हराकर BCCI से क्यों कहा- खिलाड़ियों की सुनो, उनका शरीर दांव पर होता है
राहुल द्रविड़ घरेलू क्रिकेट खेलने के पक्षधर रहे हैं.

Highlights:

राहुल द्रविड़ ने घरेलू क्रिकेट के शेड्यूल पर चिंता जाहिर की.

राहुल द्रविड़ का कहना है कि शेड्यूल को लेकर खिलाड़ियों की सुननी चाहिए.

भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने घरेलू क्रिकेट के शेड्यूल पर काम करने की सलाह दी है. उनका कहना है कि घरेलू क्रिकेट और इसमें भी रणजी ट्रॉफी पर कोचेज और खिलाड़ियों को साथ लेकर रिव्यू होना चाहिए. राहुल द्रविड़ से धर्मशाला टेस्ट जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया था कि घरेलू क्रिकेट को लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को क्या करना चाहिए. उन्हें बताया गया कि शार्दुल ठाकुर ने रणजी मैचों के दौरान तीन दिन का आराम मिलने का मसला उठाया था. इस पर द्रविड़ ने जवाब दिया.

 

राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड पर जीत के बाद कहा कि उन्हें घरेलू क्रिकेट की शेड्यूलिंग की समस्याओं का पता है. उन्होंने कहा,

 

मैंने भी सुना है. मैंने शार्दुल के कुछ कमेंट भी देखे. टीम इंडिया में आए नए खिलाड़ियों ने ऐसा बताया है. भारत जैसे देश में जहां बहुत समय सफर में जाता है वहां घरेलू क्रिकेट का शेड्यूल कितना मुश्किल होता है. इसलिए हां, हमें खिलाड़ियों की सुनना चाहिए. यह काफी जरूरी है. आपको अपने खिलाड़ियों को सुनना होगा क्योंकि वे ही पिसते हैं और उनका ही शरीर दांव पर होता है. और अगर बहुत से लोग कह रहे हैं तब तो मुझे लगता है कि काम करने की जरूरत है और देखना चाहिए कैसे हमारा शेड्यूल मैनेज कर सकते हैं. भारत में पहले ही सीजन लंबा होता है. यह मुश्किल है.

 

जून में शुरू हुआ था भारतीय घरेलू क्रिकेट

 

भारतीय घरेलू क्रिकेट का हाल ही में समाप्त हुआ सीजन जून 2023 में दलीप ट्रॉफी के साथ शुरू हुआ था. इसके बाद अक्टूबर में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, नवंबर-दिसंबर में विजय हजारे ट्रॉफी हुई. जनवरी से रणजी ट्रॉफी का आगाज हुआ जिसका फाइनल 10 मार्च से होना है. फाइनल में विदर्भ और मुंबई का मुकाबला है जिन्होंने आठ मुकाबले खेले हैं और ये देश के अलग-अलग शहरों में हुए.

 

द्रविड़ बोले- खिलाड़ियों को होती है मुश्किल

 

द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट को लेकर आगे कहा,

 

रणजी ट्रॉफी लंबा सीजन होता है. अगर इसमें दलीप और देवधर को जोड़ लेते हैं, अगर मैं गलत नहीं हूं तो पिछले साल दलीप ट्रॉफी जून में थी, यह आईपीएल के एक महीने बाद ही थी. इस स्थिति में समस्या यह है कि आपके बेस्ट प्लेयर जो भारतीय टीम में जाना चाहते हैं वे बहुत क्रिकेट खेल लेते हैं क्यों कि वे आगे की स्टेज पर चुने जाते रहते हैं. और उनकी टीमें सेमी फाइनल और फाइनल में खेल रही होती हैं. फिर आप चाहते हैं कि वे भारत और इंडिया ए के लिए खेले. यह काफी मुश्किल हो जाता है. 

 

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