ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर छठी बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता. अहमदाबाद में खेले गए मुकाबले में उसने धीमी पिच को अपने पक्ष में मोड़ लिया और रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम के घर में चैंपियन बनने के सपने को चकनाचूर कर दिया. खिताबी मुकाबले के लिए ऑस्ट्रेलिया के टीम मैनेजमेंट ने गहरी प्लानिंग की थी. उन्होंने पिच, माहौल और भारतीय बल्लेबाजी से जुड़े एक-एक पहलू की करीबी से जांच की और फिर ऐसा प्लान बनाया जिसके आगे भारत का विजयरथ रुक गया. मैच से एक दिन पहले ही ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजमेंट ने टीम इंडिया के बैटिंग ऑर्डर के एक अहम सदस्य को फंसाने की योजना बना ली थी. यह बल्लेबाज रोहित शर्मा, विराट कोहली या शुभमन गिल के लिए नहीं बल्कि श्रेयस अय्यर के लिए थी. उनके लिए प्लान बनाने की साफ और बड़ी वजह थी.
क्रिकबज़ की रिपोर्ट के अनुसार, अय्यर फाइनल से पहले लगातार दो शतक बना चुके थे. उन्होंने नेदरलैंड्स के खिलाफ आखिरी लीग स्टेज के बाद सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में भी शतक बनाया. उनके ये दोनों सैकड़े काफी कम गेंदों में आए थे. ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक ने माना कि उन दोनों मैचों में कोहली के बजाए अय्यर ने विरोधी टीमों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया. उनकी पारी के दम पर ही भारत विशाल लक्ष्य तक पहुंच सका. साथ ही अय्यर कोहली की तुलना में ज्यादा आक्रामक खेल रहे थे और वे बहुत जल्दी गियर बदल रहे थे.
ऑस्ट्रेलियाई टीम का मानना था कि कोहली और केएल राहुल को जितना जल्दी हो सके साथ लाया जाए. इनके पिच पर आने से भारत के मिडिल ऑर्डर पर दबाव बन जाएगा क्योंकि इनके बाद सूर्यकुमार यादव और रवींद्र जडेजा जैसे बल्लेबाज ही बचते हैं और उन्होंने टूर्नामेंट में ज्यादा बैटिंग की नहीं थी. ऐसे में अय्यर के विकेट से ऑस्ट्रेलिया को भारतीय बैटिंग में सेंध लगाने में मदद मिल जाएगी. ऑस्ट्रेलिया की यह प्लानिंग जल्दी ही कामयाब भी हो गई. पैट कमिंस ने अय्यर को केवल चार रन पर विकेट के पीछे जॉश इंग्लिस के हाथों कैच करा दिया. यह विकेट भारतीय पारी के 11वें ओवर में गिरा.
अय्यर के लिए कमिंस की व्यूह रचना
अय्यर को आउट करने के लिए कमिंस की व्यूह रचना पहले से तैयार थी. उन्होंने बॉलिंग कराने से पहले अपनी फील्डिंग को पूरी तरह से सेट किया. कमिंस ने फील्डिंग ऐसे लगाई जैसे शॉर्ट बॉल फेंकी जानी हो. चार फील्डर बाउंड्री पर स्क्वेयर के पीछे लगाए गए. इनमें से दो ऑफ और दो ऑन साइड में थे. लेग साइड में तीन फील्डर्स को 30 गज के दायरे में रखा. उन्होंने एक फील्डर मिड ऑन के रूप में रखा लेकिन मिड ऑफ नहीं रखा. इस फील्डिंग को देखकर अय्यर समझ गए कि छोटी गेंद का इस्तेमाल होगा. वे बैक फुट पर चले गए. लेकिन कमिंस ने गेंद ऑफ स्टंप की लाइन पर लैंथ पर डाली. अय्यर इसे खेल पाने की सही स्थिति में नहीं थे. ऐसे में बाहरी किनारा लगा बैठे और ऑस्ट्रेलिया का प्लान काम कर गया.
भारत आखिरकार केवल 240 रन बना सका. 11 से लेकर 40 ओवर के बीच केवल दो चौके उसके बल्लेबाज लगा सके. ऑस्ट्रेलिया ने केवल चार विकेट गंवाकर लक्ष्य को हासिल कर लिया.
ये भी पढ़ें
IND vs AUS: सूर्यकुमार यादव ने टीम इंडिया को दिया जीत का मंत्र, बोले- निडर बनो और खुद से पहले टीम को रखो
बड़ी खबर: वर्ल्ड कप फाइनल के प्लेयर ऑफ द मैच पर लगा 6 साल का बैन, जानें स्टार बल्लेबाज को क्यों मिली इतनी कड़ी सजा
वर्ल्ड कप फाइनल हारने के बाद राहुल द्रविड़ नहीं बने रहना चाहते टीम इंडिया के हेड कोच, अब इस दिग्गज को मिलेगी जिम्मेदारी: रिपोर्ट