पाकिस्तान की साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक विकेट से रोमांचक शिकस्त के बाद अंपायर्स के फैसलों पर काफी सवाल उठ रहे हैं. इस मुकाबले में रसी वान डर डसन को अंपायर्स कॉल पर आउट दिया गया तो तबरेज़ शम्सी को नॉट आउट. शम्सी के नॉट आउट होने से साउथ अफ्रीका को फायदा मिला और उसने एक विकेट से मैच अपने नाम कर लिया. केशव महाराज और शम्सी ने आखिरी विकेट के लिए 11 रन की अटूट साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई. अंपायर्स कॉल के फैसले को लेकर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के आईसीसी और बीसीसीआई को निशाने पर लेने का बयान सामने आया है. ऑस्ट्रेलियन मीडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नासिर ने कहा कि जिस तरह के फैसले पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए उन्हें देखकर वह दुखी हैं. हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि उनका बयान कहां से लिया गया. नासिर 27 अक्टूबर को पाकिस्तान-साउथ अफ्रीका मैच में कमेंट्री पैनल में भी नहीं थे. वह एक दिन पहले 26 अक्टूबर को इंग्लैंड-श्रीलंका मैच में कमेंट्री कर रहे थे.
ऑस्ट्रेलियन मीडिया चैनल news.com.au ने नासिर के हवाले से लिखा, 'अंपायर्स ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ चौंकाने वाले फैसले किए. आईसीसी और बीसीसीआई हमारे खूबसूरत खेल को तबाह कर रहे हैं. मेरा दिल आज दुखी है.' हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं लिखा गया कि नासिर ने यह बयान कहां पर दिया. एक ब्रिटिश पत्रकार का कहना है कि नासिर ने ऐसा बयान नहीं दिया. अली मार्टिन नाम के पत्रकार ने एक्स पर लिखा, 'उन्होंने यह नहीं कहा. यह गलत जानकारी का ताजा उदाहरण है. न्यूजकॉम का बहुत खराब काम जिसने बिना दो जगह चैक किए इसे उठाया. ब्ल्यू टिक का मतलब अब भरोसेमंद स्रोत नहीं रह गया है.'
वर्ल्ड कप में कौन करता है अंपायर्स की नियुक्ति
स्पोर्टस तक ने नासिर हुसैन का एक्स अकाउंट भी चैक किया और वहां पर भी पाकिस्तान-साउथ अफ्रीका मैच को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली. उनके आखिरी ट्वीट अगस्त के महीने के हैं. वैसे वर्ल्ड कप जैसे इवेंट में आईसीसी ही अंपायर नियुक्त करता है और वह तटस्थ होते हैं. जो टीमें मैच खेल रही होती हैं उनसे अलग देशों के अंपायर्स को यह जिम्मेदारी मिलती है. अंपायर्स की नियुक्ति को लेकर बीसीसीआई का कोई दखल नहीं होता. हालांकि वर्ल्ड कप 2023 में अंपायरिंग को लेकर काफी सवाल उठे हैं. कई टीमों की तरफ से इस तरह के सवाल आए हैं.
हरभजन सिंह ने भी उठाए सवाल
भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी अंपायर्स कॉल पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को इस मैच में खराब अंपायरिंग और खराब नियम भारी पड़े. आईसीसी को यह नियम बदलना चाहिए. अगर गेंद स्टंप से लग रही है तो वह आउट होनी चाहिए चाहे अंपायर आउट दे या नहीं दे. इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए. नहीं तो तकनीक के इस्तेमाल का क्या मतलब.'
क्या है अंपायर्स कॉल
डीआरएस यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम में अंपायर्स कॉल तब होती है जब थर्ड अंपायर मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखता है. अंपायर्स कॉल स्टंप्स के गेंद से टकराने और इंपेक्ट को लेकर दिया जाता है. जब गेंद पूरी तरह से स्टंप्स से लगती है तब यह काम में नहीं आती. लेकिन रिप्ले में गेंद स्टंप्स को छूकर जा रही होती है या उसका आधा हिस्सा ही लग रहा होता है तब अंपायर्स कॉल दिया जाता है. इस तकनीक को लेकर एक पक्ष यह है कि अंपायर्स कॉल का मतलब यह नहीं है कि गेंद स्टंप्स पर जाकर लगेगी ही. यह इसलिए है कि अगर गेंद पैड्स पर नहीं लगती तो वह इस तरह से स्टंप्स पर लगती. यह एक प्रोजेक्शन यानी अनुमान होता है. इसलिए किसी गेंद का अगर 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स को लग रहा होता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह स्टंप्स से टकराती ही. अंपायर्स कॉल एक तरह का अनुमान है. अभी तक यह सबसे अच्छा तरीका है संदिग्ध मामलों में फैसला करने का. हालांकि इसमें सुधार की गुंजाइश है.
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