पाकिस्तान को वर्ल्ड कप 2023 में अपने खिलाड़ियों के साथ बर्ताव को लेकर की गई शिकायत पर झटका लग सकता है. आईसीसी इस पर शायद ही कार्रवाई करे क्योंकि उसके नियम-कायदों से भेदभाव रोधी मामलों में किसी समूह पर कार्रवाई नहीं हो सकती. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भारत से अहमदाबाद में मैच को लेकर 17 अक्टूबर को आईसीसी से आधिकारिक शिकायत की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि उसके खिलाड़ियों को प्रतिकूल माहौल में खेलना पड़ा. मैच के दौरान पाकिस्तानी फैंस न के बराबर मौजूद थे. बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान को इस दौरान धार्मिक नारों का सामना भी करना पड़ा. भारतीय टीम ने यह मुकाबला सात विकेट से अपने नाम करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 50 ओवर क्रिकेट में अजेय रहने का रिकॉर्ड बरकरार रखा था.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बीसीसीआई के एक अधिकतारी के हवाले से लिखा गया है, आईसीसी प्रत्येक शिकायत को बेहद गंभीरता से लेती है लेकिन संहिता व्यक्तियों को लेकर है. मैं नहीं जानता कि पीसीबी क्या चाहता है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई करना बेहद मुश्किल होगा. अगर नस्लीय भेदभाव के आरोप हैं तो आईसीसी व्यक्ति की पहचान कर सकती है लेकिन जब हजारों लोग नारे लगा रहे थे तो आप कुछ नहीं कर सकते. स्टेडियम में फेंकी गई किसी वस्तु से कोई खिलाड़ी चोटिल नहीं हुआ. दर्शकों से पक्षपात पूर्ण रवैए की उम्मीद थी. बड़े मैचों में इस तरह का दबाव होता है.’
ऐसा समझा जाता है कि आईसीसी ने शिकायत पर संज्ञान लिया है और वह उस पर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पता लग रही है. प्रोटोकॉल के तहत आईसीसी इवेंट्स के दौरान बिलबोर्ड्स के जरिए नस्लभेद को लेकर अपनी नीति को सार्वजनिक करती है.
फुटबॉल में दिखी थी सामूहिक नस्लीय भेदभाव की घटना
हाल ही में फुटबॉल में लोगों के समूह के नस्लीय टिप्पणियां करने का मामला सामने आया था. ब्राजील के फुटबॉलर विनिशियस जूनियर को ला लीगा में रियाल मेड्रिड और वेलेंसिया के मुकाबले में नस्लीय टिप्पणियां सुननी पड़ी थी. इसके बाद फीफा ने वेलेंसिया के मास्टेला स्टेडियम के उस हिस्से को पांच मैचों के लिए बंद करने का आदेश दिया था जिससे विनिशियस के खिलाफ नारेबाजी हुई थी. क्लब पर 45 हजार यूरो का जुर्माना लगाया था. बाद में अपील पर उसने सजा को तीन मैच और 27 हजार यूरो किया था. इस दौरान नारेबाजी करने वाले सात लोगों की पहचान स्पेन की पुलिस ने की थी. इन लोगों के तीन साल तक देश के किसी भी स्टेडियम में घुसने से रोक दिया गया.
पाकिस्तानी टीम डायरेक्टर ने माहौल की कमी पर जताई थी निराशा
लेकिन पाकिस्तानी बोर्ड की ओर से की गई शिकायत नस्लीय भेदभाव के दायरे में नहीं आती है. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक लाख से भी अधिक दर्शक मौजूद थे. पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तानी मूल के तीन अमेरिकी दर्शक ही उपस्थित थे. पाकिस्तान के क्रिकेट निदेशक मिकी आर्थर ने स्वीकार किया था कि भारत के हाथों सात विकेट की हार के दौरान उनके खिलाड़ी दर्शकों के शोर से परेशान थे. उनकी टीम को फैंस से कोई सहयोग नहीं मिला. उन्होंने टीम का जोश बढ़ाने वाला दिल दिल पाकिस्तान गाना नहीं बजाने की शिकायत भी की थी.
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