कनाडा क्रिकेट टीम के बल्लेबाज एरॉन जॉनसन भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं. उनका कहना है कि अगर धोनी नहीं होते सचिन तेंदुलकर बिना वर्ल्ड कप जीते ही रिटायर हो जाते. भारत ने 2011 में आखिरी बार 50 ओवर वर्ल्ड कप जीता था. तब धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे और सचिन ने तब करियर का पहला और इकलौता वर्ल्ड कप जीता था. उन्होंने करियर में छह वर्ल्ड कप खेले लेकिन ट्रॉफी उठाने का मौका आखिरी वर्ल्ड कप में जाकर मिला. धोनी इकलौते भारतीय कप्तान हैं जिन्होंने तीन आईसीसी ट्रॉफी जीती हैं जिसमें वर्ल्ड कप के साथ टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी शामिल है.
जॉनसन ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि वह काफी शांत रहते थे. उन्होंने भारत के क्रिकेटर को नई राह दिखाई. जॉनसन ने कहा,
महेंद्र सिंह धोनी कितने शांत रहा करते थे. भारत के पास कई महान क्रिकेटर रहे हैं लेकिन मेरा हमेशा से कहना रहा है कि महेंद्र सिंह ने भारतीय क्रिकेट को पूरी तरह से बदल दिया. वह बच्चों को लेकर गए और पहला वर्ल्ड कप जीत लिया. (सचिन) तेंदुलकर स्पष्ट रूप से सर्वकालिक महान बल्लेबाज हैं लेकिन मुझे लगता है कि अगर धोनी नहीं आते तो तेंदुलकर बिना वर्ल्ड कप के ही रिटायर हो जाते. यह निजी रूप से मेरा मानना है. मुझे लगता है कि लोग इससे सहमत होंगे.
सचिन ने 1992 में पहली बार वर्ल्ड कप खेला था. इसके बाद वह 1996, 1999, 2003, 2007 और 2011 वर्ल्ड कप भी खेले. इन छह में से 2011 के अलावा 2003 में टीम इंडिया फाइनल तक गई थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी. तब सचिन सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे. बाकी एडिशन में भी उन्होंने बल्ले से अहम योगदान दिए लेकिन वर्ल्ड कप भारत को नहीं मिल सका. धोनी की कप्तानी में भारत ने सबसे पहले 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीता था. तब टीम में सभी नए सितारे थे. इसके बाद धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने 2013 चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती थी.
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