ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जॉश हेजलवुड के नामीबिया के खिलाफ मैच के बाद दिए गए बयान के चलते टीम के कप्तान मिचेल मार्श संकट में पड़ सकते हैं. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में इंग्लैंड को टूर्नामेंट से बाहर करने को बयान दिया था. हेजलवुड ने संकेत दिए थे कि उनकी टीम चाहेगी कि इंग्लिश टीम बाहर हो जाए इसलिए स्कॉटलैंड के खिलाफ मैच अहम रहेगा. उनका बयान आईसीसी की आचार संहिता का उल्लंघन करता हुआ लगता है. यह गलत रणनीतिक कारणों से इंटरनेशनल मैच में हेरफेर की कोशिश लगता है. हालांकि अभी तक आईसीसी की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
हेजलवुड ने नॉर्थ साउंड में नामीबिया पर नौ विकेट की बड़ी जीत के बाद मीडिया से बातचीत में कहा,
हां, मुझे ऐसा लगता है. इस टूर्नामेंट में आप संभावित रूप से किसी चरण में फिर से इंग्लैंड के खिलाफ खेल सकते हैं. वे शायद अपने दिन टॉप टीमों में से एक हैं और हमें टी20 क्रिकेट में उनके खिलाफ काफी संघर्ष करना पड़ा है इसलिए अगर हम उन्हें टूर्नामेंट से बाहर कर सकते हैं तो यह हमारे और शायद सभी के हित में होगा. तय नहीं है कि क्या किया जाए आप मैच में करीब जाए और आराम से खेलते हुए मैच को लंबा खींचे. कुछ विकल्प हैं लेकिन जैसा कि आपने कहा कि आत्मविश्वास जीतने से ही मिलता है. मुझे लगता है कि किसी को बाहर करने के बजाए जीतना ज्यादा अहम है.’
हेजलवुड ने आगे कहा,
उन्हें (भारत) अपने दम पर भी काफी कुछ करना है इसलिए मुझे लगता है कि जब हम आगे बढ़ेंगे तो चीजें और स्पष्ट हो जाएंगी. यह रोचक रहेगा. हम एक टीम के रूप में पहले कभी इस पॉजीशन में नहीं आए हैं. मुझे नहीं लगता कि हमें इस बारे में बात करनी चाहिए या नहीं. हम कोशिश करेंगे और जिस तरह से अभी तक खेले हैं वैसे ही खेलेंगे.
क्या कहते हैं आईसीसी के नियम
आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.11 गलत कारणों से इंटरनेशनल मैचों में हेरफेर की कोशिशों को परिभाषित करती है. इसके तहत-
- आर्टिकल 2.11 इंटरनेशनल मैचों को गलत रणनीति (जैसे कोई टीम जानबूझकर आईसीसी इवेंट में पूल मैच हारती है ताकि पॉइंट्स टेबल पर असर पड़ सके) से प्रभावित करने से रोकने के लिए है. यह नेट रन रेट को गलत तरीके से प्रभावित करने पर भी लागू हो सकता है.
- आर्टिकल 2.11 किसी तरह की भ्रष्ट या फर्जी गतिविधियों को कवर करने के लिए नहीं है. इस तरह के बर्ताव की आईसीसी आचार संहिता के तहत मनाही है और अलग कड़ाई से इनसे निपटा जाता है.
- इस तरह के बर्ताव के लिए कप्तान को जिम्मेदारी ठहराया जाएगा.
- इसके तहत 50-100 फीसदी मैच फीस काटी जा सकती है. संभव है कि एक या दो मैचों का बैन भी लगाया जाए.
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