महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 की संभावित मेजबानी के लिए यूएई के साथ ही जिम्बाब्वे का नाम विकल्प के तौर पर सामने आया है. यह टूर्नामेंट 3 अक्टूबर से शुरू होना है. आईसीसी ने बांग्लादेश को इसकी मेजबानी दी थी लेकिन यहां पर अब पिछले कुछ महीनों से सरकार विरोधी हिंसा ने माहौल खराब कर दिया. देश में काफी समय तक कर्फ्यू लगा रहा और जबरदस्त हिंसा के बीच सैकड़ों लोगों की जानें गईं. इस वजह से टी20 वर्ल्ड कप को शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है. भारत ने खुद को इस टूर्नामेंट की मेजबानी से अलग कर लिया. समझा जाता है कि 20 अगस्त को आईसीसी बोर्ड मेजबानी को लेकर फैसला कर सकता है.
ESPNcricinfo की रिपोर्ट के अनुसार जिम्बाब्वे ने महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी की मंशा जाहिर की है. उसने पिछले कुछ सालों में दो बार वनडे वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स की मेजबानी की है. इसके जरिए उसका दावा है कि महिला टी20 वर्ल्ड कप यहां हो सकता है. जिम्बाब्वे ने 2003 में साउथ अफ्रीका व केन्या के साथ मिलकर वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी. 2026 में उसे नामीबिया के साथ मिलकर अंडर 19 वर्ल्ड कप की मेजबानी करनी है. इसके अगले साल यानी 2027 में वह साउथ अफ्रीका व नामीबिया के साथ वनडे वर्ल्ड कप का सह मेजबान है.
क्यों है जिम्बाब्वे का पलड़ा भारी
जिम्बाब्वे में अभी दो क्रिकेट स्टेडियम हैं जहां पर इंटरनेशनल मुकाबले होते हैं. इनमें हरारे स्पोर्ट्स क्लब और बुलावायो का क्वींस स्पोर्ट्स क्लब शामिल है. 2023 वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स के मैच यहीं पर हुए थे. इनके अलावा ताकाशिंगा स्पोर्ट्स क्लब और बुलावायो एथलेटिक क्लब में भी क्रिकेट मुकाबले खेले जाते हैं. ऐसे में वह टी20 वर्ल्ड कप कराने में सक्षम है. अक्टूबर में जिम्बाब्वे में मौसम भी ठीक है. वहां पर बारिश की संभावना न के बराबर है. यहां के स्टेडियम्स की अधिकतम क्षमता 10 हजार है जो आसानी से भरी जा सकती है. वहीं यूएई में स्टेडियम बड़े हैं और वहां पर दर्शक की मौजूदगी एक समस्या रही है.
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