शेन वॉर्न को देख बनी घातक लेग स्पिनर, स्केटिंग छोड़ युवराज की अकादमी से बनी स्टार, अब भारत को बनाएगी वर्ल्ड चैंपियन!

शेन वॉर्न को देख बनी घातक लेग स्पिनर, स्केटिंग छोड़ युवराज की अकादमी से बनी स्टार, अब भारत को बनाएगी वर्ल्ड चैंपियन!

साउथ अफ्रीका में इन दिनों अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप  जारी है. जिसके फाइनल मैच में शेफाली वर्मा की कप्तानी वाली महिला टीम इंडिया ने एंट्री कर ली है. जहां पर अब महिला टीम इंडिया का सामना इंग्लैंड से होगा. महिला टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को बुरी तरह से 8 विकेट से धोया. इस मैच में भारत के लिए गेंदबाजी में लेग ब्रेक गेंदबाज पार्श्वी चोपड़ा ने चार ओवर के स्पेल में एक मेडन के साथ 20 रन देकर तीन विकेट चटकाए और न्यूजीलैंड को बड़े स्कोर की तरफ बढ़ने से रोक दिया. भारत की घातक स्पिन गेंदबाजी के आगे न्यूजीलैंड की टीम 20 ओवर में 9 विकेट पर 107 रन ही बना सकी और उसे 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी. ऐसे में जानते हैं कि कौन है पार्श्वी चोपड़ा और कैसे शेन वॉर्न की गेंदबाज के वीडियो देखकर वह इन दिनों अंडर-19 स्टार बन गई हैं.

 

डेब्यू मैच में लिए थे तीन विकेट 
न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन विकेट लेने के चलते पार्श्वी को प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया. बड़े मैच में दमदार प्रदर्शन करने के बाद उत्तर प्रदेश से आने वाली 16 साल की खिलाड़ी पार्श्वी के बारे में पिता गौरव चोपड़ा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि हर एक युवा खिलाड़ी की तरह वह भी अंडर-19 क्रिकेट में उत्तर प्रदेश से खेलने के लिए बहुत उत्साहित थी. उसने अपने डेब्यू मैच में तीन विकेट लिए थे. लेकिन इस दौरान उसके होंठ पर चोट भी आ गई थी. लेकिन उसने पहले तीन विकेट के बारे में बताया और उसके बाद चोट के बारे में जानकारी दी थी. इस तरह मैं निश्चित तौरपर कह सकता हूं कि अब वह पूरा फोकस इंग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल पर कर रही होगी.

 

स्केटिंग से था प्यार 
पार्श्वी के बारे में बात करें तो उनके पिता ने आगे बताया कि वह बचपन से स्केटिंग प्लेयर बनना चाहती थी. जिसकी प्रैक्टिस करते हुए उसने अंडर-14 यूपी स्केटिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीता था. लेकिन मेरे पिता यानि पार्श्वी के दादा जोनल क्रिकेट खिलाड़ी रहे. मैं और मेरा भाई भी क्लब लेवल तक क्रिकेट खेले. इसलिए मैं भी चाहता था कि वह क्रिकेट खेले. जिसके लिए मैंने उसे स्केटिंग छोड़ने को कहा और उसका दाखिला युवराज सिंह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में करवा दिया. जहां पर साल 2016 में जेपी नौटियाल और गौरव भाटिया की कोचिंग में वह बेहतरीन खिलाड़ी बनकर उभरी.

 

तेज गेंदबाज बनना चाहती थी पार्श्वी
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आने वाली पार्श्वी अपने शुरुआती दिनों में तेज गेंदबाज बनना चाहती थी. मगर कोच के कहने पर वह स्पिन गेंदबाजी पर फोकस करने लगी. BCCI अंडर-16 वन डे टूर्नामेंट ने 2018-19 सीज़न में उन्होंने 17 विकेट हासिल किए. इसके बाद अगले सीज़न में अंडर-19 वन डे ट्रॉफी में खेलने से पहले भी उन्होंने 21 विकेट हासिल किए और दूसरी सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं. जिसके चलते उनका चयन भारत की महिला अंडर-19 टीम में हुआ.

 

शेन वॉर्न हैं आदर्श 
पार्श्वी के बारे में उनके पिता गौरव ने अंत में बताया कि लेग स्पिनर बनने के लिए पार्श्वी ने ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग ब्रेक गेंदबाज रहे शेन वॉर्न का सहारा लिया और वह उनके आदर्श भी हैं. पार्श्वी ने शेन वॉर्न की गेंदबाजी के कई वीडियो का एनालिसिस करके उनकी तरह गेंदबाजी करना सीखा. जब उन्हें वॉर्न के देहांत के बारे में पता चला था तो उन्होंने एक सप्ताह तक अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर वॉर्न की तस्वीर लगा रखी थी.