IND vs SA, WC Final : हज़ार बर्क़ गिरे लाख आंधियां उट्ठें, वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं, मशहूर कवि साहिर लुधियानवी की ये पंक्तियां महिला टीम इंडिया के 52 साल बाद पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने की कहानी पर फिट बैठती हैं. जिसने साउथ अफ्रीका को वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में हराकर पहली बार ठीक उसी तरह खिताब हासिल किया.जैसे 1983 में मेंस क्रिकेट का पहला वर्ल्ड कप कपिल देव ने जिताया था.हरमनप्रीत की कप्तानी वाली महिला टीम इंडिया ने मैदान में हार नहीं मानी और तमाम बाधाओं को पार करते हुए भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास को पूरी तरह से बदल दिया. महिला टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करने उतरी तो शेफाली वर्मा ने 87 रन और 58 रन दीप्ति शर्मा ने बनाए.जिससे साउथ अफ्रीका को 299 का लक्ष्य दिया. इसके जवाब में साउथ अफ्रीका की कप्तान लॉरा वूलवार्ट ने 101 रन की पारी खेली लेकिन अपनी टीम को पहला वर्ल्ड कप नहीं जिता सकीं. दीप्ति ने बल्ले के बाद गेंदबाजी में भी कमाल किया और पांच विकेट हॉल लेकर 52 साल बाद भारत को 52 रन से वर्ल्ड कप जिताया.
स्मृति और शेफाली की शतकीय साझेदारी
मुंबई के डि वाई पाटिल के मैदान पर टीम इंडिया टॉस हारी और उसे पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिला. स्मृति मांधना और शेफाली वर्मा ने लेकिन इसका फायदा उठाया और भारत को 17.4 ओवर में 104 रन की मजबूत शुरुआत दिलाई. तभी मांधना 58 गेंद में आठ चौके से 45 रन बनाकर चलती बनीं. इसके बाद शेफाली ने मोर्चा संभाले रखा जबकि सेमीफाइनल की क्वीन जेमिमा इस बार बड़ी पारी नहीं खेल सकी और 24 रन ही बना सकी, कप्तान हरमनप्रीत कौर भी 20 रन बनाकर आउट हो गयीं. इन दोनों के अलावा शेफाली ने 78 गेद में सात चौके और दो छक्के से 87 रन की बहतरीन पारी खेली.
299 रन टीम इंडिया ने बनाए
भारत के 223 रन तक चार विकेट गिर गए थे. उसके लिए अंत में दीप्ति शर्मा ने 58 गेंद में तीन चौके और एक छक्के से 58 रन बनाए तो ऋचा घोष ने तूफ़ानी अंदाज में 24 गेंद में तीन चौके और दो छक्के से 34 रन की पारी खेली. इन दोनों की पारी से टीम इंडिया ने 50 ओवर में सात विकेट पर 298 रन का टोटल बनाया और 300 के मुकाम से दो रन दूर रह गई. साउथ अफ्रीका के लिए गेंदबाजी में सबसे अधिक तीन विकेट अयाबोंगा खाका ने झटके.
दीप्ति ने कैसे पलटी बाजी ?
आखिरी 10 ओवर के रोमांच में पारी के 42वें ओवर में भारतीय महिला टीम ने राहत की रांस ली.दीप्ति शर्मा ने जब 42वें ओवर की पहली गेंद पर साउथ अफ्रीकी कप्तान लॉरा वूलवार्ट को अपने जाल में फंसाय और वह 98 गेंद में 11 चौके व एक छक्के से 101 रन बनाकर चलती बनीं.इसके बाद दीप्ति ने इसी ओवर की चौथी गेंद पर क्लोय ट्रायोन नौ रन पर चलती बनी तो टीम इंडिया ने वापसी कर ली.अब साउथ अफ्रीका को 49 गेंद में 78 रन की दरकार थी तो उनके सिर्फ दो विकेट बाकी थे. इसके बाद टीम इंडिया ने बाकी दो विकेट हासिल करते हुए साउथ अफ्रीका को 45.3 ओवर में 246 रन पर समेट दिया. जबकि दीप्ति शर्मा ने पांच विकेट हॉल लेकर बाजी पलट दी. इस तरह टीम इंडिया ने 52 साल बाद 52 रन से वर्ल्ड कप जीत का सूखा समाप्त कर दिया.
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