शेफाली वर्मा... इस नाम ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया. कुछ दिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि जिस खिलाड़ी को भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया है, उसके दम पर भारत पहली बार वर्ल्ड कप जीतेगा और वो फाइनल की प्लेयर ऑफ द मैच रहेगी.
टीम से कर दिया गया था बाहर
दरअसल पिछले साल शेफाली को जब ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम से बाहर कर दिया गया था तो उनके पिता संजीव वर्मा ने उनसे कहा था कि उनका समय आएगा और उन्हें बस तैयार रहना चाहिए. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में शेफाली के पिता ने पिछले साल उनकी बेटी से हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि
मैंने उससे कहा था, कोई दिक्कत नहीं, तुम प्रैक्टिस करो और तुम्हारा समय आएगा. बस तैयार रहना और जब वह वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने से चूक गई, तो मैंने उससे यही शब्द दोहराए.
रविवार को जब भारत ने फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर अपना पहला विश्व कप जीतकर इतिहास रचा, तो शेफाली प्लेयर ऑफ द मैच बनीं. विश्व कप इतिहास में ऐसा करने वाली वह 21 साल की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं.
पिता से छिपाई थी टीम से बाहर निकाले जाने की बात
जब पिछले साल शेफाली को भारतीय टीम से बाहर किया गया था, तो यह खबर उनके पिता संजीव को दिल का दौरा पड़ने के कुछ ही दिनों बाद आई थी. उन्होंने अपने पिता से यह खबर छिपाई थी, जिन्होंने उन्हें एक ऐसी बल्लेबाज बनाने के लिए हर संभव कोशिश की जिससे दुनिया डरती हो.

