1983 वर्ल्ड कप जीत से क्यों अलग है महिलाओं की ट्रॉफी? सुनील गावस्कर बोले - उस समय मेंस टीम...

1983 वर्ल्ड कप जीत से क्यों अलग है महिलाओं की ट्रॉफी? सुनील गावस्कर बोले - उस समय मेंस टीम...
हरमनप्रीत कौर

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महिला टीम इंडिया ने जीत से रचा इतिहास

सुनील गावस्कर ने वर्ल्ड कप जीत पर कही बड़ी बात

हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली महिला टीम इंडिया ने पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी को हासिल किया. 52 साल के सूखे को महिला टीम इंडिया ने समाप्त करते हुए फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराया. अब चारों तरफ जहां महिला टीम इंडिया की जमकर सराहना हो रही है तो सुनील गावस्कर ने बताया कि क्यों महिला टीम इंडिया की जीत भारत के पहले 1983 वर्ल्ड कप से अलग है.

कई लोग इस जीत की तुलना 1983 वर्ल्ड कप से कर रहे हैं. एक बात मैं कहना चाहूंगा कि हमारी मेंस टीम उस वर्ल्ड कप जीत से पहले कभी भी वर्ल्ड कप के नॉकआउट मैच नहीं खेली थी. वो ग्रुप स्टेज से आगे नहीं जा सकी थी. इसलिए वो सब उनके लिए एक नया था और महिलाओं के रिकॉर्ड से बेहतर था. क्योंकि इस शानदार जीत से पहले वे दो बार फाइनल में पहुंच चुकी थीं.

सुनील गावस्कर ने आगे कहा,

साल 1983 की जीत ने हमारे देश के लोगों को इस खेल के प्रति प्रेरित किया. उन्होंने अपने बच्चों को इस खेल को आजमाने में सहयोग किया. आईपीएल इसे अलग लेवल पर ले जा चुका है. यही कारण है कि हमारी मेंस टीम में सिर्फ मेट्रो सिटी नहीं बल्कि पूरे देश के खिलाड़ी शामिल हैं.

महिला टीम इंडिया ने रचा इतिहास

वहीं महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल की बात करें तो टीम इंडिया ने पहले खेलते हुए 298 रन बनाए थे. इसके जवाब मे साउथ अफ्रीका की टीम 246 रन ही बना सकी और वह पहली बार फाइनल खेलने उतरी तो खिताब नहीं जीत सकी. जबकि साल 2017 के फाइनल में हार झेलनी वाली हरमनप्रीत कौर ने इस बार फिनिश लाइन क्रॉस की और वर्ल्ड चैंपियन बनीं. इस ट्रॉफी से अब तमाम महिला खिलाड़ी आगे आएंगी और भविष्य में महिला टीम इंडिया में खेलती नजर आएंगी.

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