भारतीय महिला टीम की पहली वनडे वर्ल्ड कप जीत और मुख्य कोच अमोल मजूमदार के योगदान पर सबकी नजरें हैं। शेफाली वर्मा और हरमनप्रीत कौर जैसे सितारों के बीच मजूमदार एक गुमनाम हीरो बनकर उभरे हैं। जीत के बाद उन्होंने कहा, 'मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं, बहुत गर्व हो रहा है। यह टीम इस पल की हकदार है। उनकी कड़ी मेहनत, उनका विश्वास, उन्होंने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है।' घरेलू क्रिकेट में 11,167 रन बनाने के बावजूद, मजूमदार सचिन, द्रविड़ और गांगुली के दौर में कभी भी भारत के लिए नहीं खेल पाए। 2014 में संन्यास लेने के बाद और 2023 में महिला टीम के हेड कोच बनने के बाद, उन्होंने अपनी रणनीतिक समझ से टीम को विश्व विजेता बना दिया। यह जीत उस खिलाड़ी की भी जीत है जो कभी नीली जर्सी नहीं पहन सका लेकिन अपनी कोचिंग से इतिहास रच दिया।
जो कभी टीम इंडिया के लिए नहीं खेल सका, उसी ने जिताया वर्ल्ड कप, अमोल मजूमदार की पूरी कहानी!
भारतीय महिला टीम की पहली वनडे वर्ल्ड कप जीत और मुख्य कोच अमोल मजूमदार के योगदान पर सबकी नजरें हैं। शेफाली वर्मा और हरमनप्रीत कौर जैसे सितारों के बीच मजूमदार एक गुमनाम हीरो बनकर उभरे हैं। जीत के बाद उन्होंने कहा, 'मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं, बहुत गर्व हो रहा है। यह टीम इस पल की हकदार है। उनकी कड़ी मेहनत, उनका विश्वास, उन्होंने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है।' घरेलू क्रिकेट में 11,167 रन बनाने के बावजूद, मजूमदार सचिन, द्रविड़ और गांगुली के दौर में कभी भी भारत के लिए नहीं खेल पाए। 2014 में संन्यास लेने के बाद और 2023 में महिला टीम के हेड कोच बनने के बाद, उन्होंने अपनी रणनीतिक समझ से टीम को विश्व विजेता बना दिया। यह जीत उस खिलाड़ी की भी जीत है जो कभी नीली जर्सी नहीं पहन सका लेकिन अपनी कोचिंग से इतिहास रच दिया।
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