विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में नॉटआउट शतक लगाकर अपना सालभर का सूखा खत्म किया था. ये उनके करियर का 81वां इंटरनेशनल शतक है. पर्थ में कोहली लय हासिल करने में भी सफल रहे. वो पिछले काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे थे. उन्होंने पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में सेंचुरी लगाई थी. पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि दूसरी पारी में ‘स्टांस’ में बदलाव के कारण विराट कोहली को ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण का जवाब देने और फॉर्म में वापसी करने में मदद मिली.
कोहली पिछले कुछ समय से सभी फॉर्मेट में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे. स्पिनरों के मददगार विकेट पर वो संघर्ष करते हुए नजर आए, जिससे टीम में उनकी जगह पर सवाल खड़े होने लगे थे, मगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद शतक लगाकर फॉर्म में वापसी की. कोहली ने इससे पहले पिछला टेस्ट शतक जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ लगाया था. गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा कि स्टांस में बदलाव के साथ ही कोहली के सितारे भी बदल गए. उन्होंने कहा-
जब वो दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरे तो काफी सहज नजर आ रहे थे. पहली पारी में भारत ने दो विकेट जल्दी गंवा दिए थे और अन्य खिलाड़ियों की तरह वह भी दबाव में थे. दूसरी पारी में ‘स्टांस’ बदलने के अलावा उन्होंने अपने पांवों को भी अच्छी तरह से जमाया. मुझे लगता है कि छोटी छोटी चीजों से सामंजस्य बिठाने से वो उस स्थिति में पहुंचे जैसा कि वह चाहते थे. ऑस्ट्रेलिया की उछाल वाली पिचों पर आपके लिए इस तरह की छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना अहम हो जाता है.
गावस्कर ने कोहली की तारीफ करते हुए आगे कहा-
मुझे उनका जोश हेजलवुड पर मिडविकेट पर लगाया गया चौका बहुत अच्छा लगा. इस तरह का शॉट खेलना आसान नहीं होता है.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का भी कहना कि कोहली को ‘स्टांस’ बदलने का फायदा मिला.
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