भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से दूसरा टेस्ट तीन दिन के अंदर हार गई. एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट में उसे 10 विकेट से हार मिली. भारत की दूसरी पारी 175 रन पर सिमट गई. इससे ऑस्ट्रेलिया को 19 रन का लक्ष्य मिला और इसे उसने बिना नुकसान के हासिल कर लिया. इस नतीजे के साथ ही पांच टेस्ट की सीरीज 1-1 के साथ बराबरी पर आ गई. लेकिन पर्थ में पहले टेस्ट को जबरदस्त तरीके से जीतने वाली भारतीय टीम दूसरे टेस्ट में कैसे तीन दिन में ही ढेर हो गई. मेहमानों को एक गलती महंगी पड़ी और इस वजह से उसके हाथ से मोमेंटम निकल गया.
भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में भी यही गलती की थी. यह गलती है- बैटिंग में नाकामी. भारतीय टीम एडिलेड को मिलाकर पिछले पांच टेस्ट में लगातार बड़े रन बनाने में नाकाम हो रही है. ऑस्ट्रेलिया में अभी तक दो टेस्ट की चार पारियों में से तीन में वह 200 रन के पार नहीं जा सकी. एडिलेड टेस्ट की दोनों पारियों में ही टीम इंडिया 200 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सकी. पहली पारी में 180 और दूसरी में 175 उसने बनाए. इससे पहले पर्थ टेस्ट की पहली पारी में वह 150 पर सिमट गई थी. तब दूसरी पारी में 487 रन बनाकर उसने वापसी की थी और जीत दर्ज की थी. तब गेंदबाजों ने कमाल करते हुए ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 104 पर समेट दिया था.
न्यूजीलैंड सीरीज में भी इसी वजह से मिली थी हार
इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में जब भारतीय टीम का 3-0 से सफाया हुआ तब भी बैटिंग ने ही लुटिया डुबोई. उस सीरीज में छह में से तीन पारियों में भारत 200 से कम के स्कोर पर आउट हुआ था. इनमें से बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में 46 का स्कोर भी शामिल है. नतीजा रहा कि इतिहास में पहली बार भारत को घर में कीवी टीम से टेस्ट सीरीज में हार झेलनी पड़ी. पिछले कुछ टेस्ट में लगातार देखा जा रहा है कि गेंदबाजों और निचले क्रम के बल्लेबाजों पर ही टीम इंडिया को बचाने का जिम्मा आ जाता है. जब यहां भी नाकामी होती है तब भारत को बुरी हार मिलती है.