Yashasvi Jaiswal Controversy : मेलबर्न के मैदान में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम दिन चेज करने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने 340 रनों का लक्ष्य दिया था. इसके जवाब में भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और उसके 33 रन के भीतर तीन विकेट गिर चुके थे. लेकिन टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने मोर्चा संभाल रखे था. यशस्वी जब 84 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे. तभी उनके खिलाफ तगड़ी अपील हुई और मैदानी अंपायर ने आउट नहीं दिया था. इसके बाद थर्ड अंपायर ने जब चेक किया तो स्निको मीटर में हलचल भी कैद नहीं हुई. फिर भी जब उनको आउट करार दिया गया तो यशस्वी अंपायर से भिड़ गए और उनको आउट दिए जाने पर हंगामा मचा तो सुनील गावस्कर सहित पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने भी बड़ा बयान दिया.
कमिंस की गेंद पर हुई तगड़ी अपील
दरअसल, पारी के 71वें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस गेंदबाजी कर रहे थे. तभी कमिंस ने अपने ओवर की पांचवीं शॉर्ट पिच गेंद फेंकी. ये गेंद यशस्वी के बल्ले से बेहद करीब से गुजरी और विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने कैच लेकर जोरदार अपील की. मैदानी अंपायर ने इसे नॉट आउट करार दिया और ऑस्ट्रेलिया ने रीव्यू लिया.
ऑस्ट्रेलिया ने लिया रीव्यू और पलटा फैसला
ऑस्ट्रेलिया के रीव्यू लेने पर जब थर्ड अंपायर ने इसे चेक किया तो सामने आया कि गेंद जब यशस्वी के बल्ले के करीब से निकल रही थी तो स्निको मीटर पर सीधी लाइन थी और कोई हलचल कैद नहीं हुई. जबकि यशस्वी का विकेट फिर से चेक किया गया तो थर्ड अंपायर ने बिना ठोस सबूत के पाया कि गेंद बल्ले से टच हो रही है और उनको आउट करार दे दिया. ऑस्ट्रेलिया में थर्ड अंपायर के इसी फैसले पर हंगामा मच गया और बवाल खड़ा हो गया. जबकि यशस्वी भी नाराज नजर आए और अंपायर से बहस करके पवेलियन चले गए. जिससे भारत का 140 रन पर सातवां विकेट गिरा.
साइमन टॉफेल ने क्या अहा ?
यशस्वी जायसवाल को आउट दिए जाने पर पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने 7क्रिकेट से बातचीत में कहा,
मेरे हिसाब से वो आउट थे और थर्ड अंपायर ने सही फैसला किया है. टेक्नोलॉजी प्रोटोकॉल के अनुसार अगर अंपायर को दिख रहा है कि गेंद बल्ले से लगने के बाद डिफ्लेक्ट हो रही है तो उसके पास इस चीज का अधिकार होता है. जैसे ही गेंद बल्ले से लगती नजर आ रही है तो फिर आगे चेक करने की जरूरत नहीं होती है. गेंद उनके बल्ले से लगकर साफ़ तौरपर डिफ्लेक्ट हो रही है और यही उनके आउट होने का सबूत है. इसलिए तीसरे अंपायर ने अंत में मैदानी अंपायर के फैसले को पलटकर सही फैसला किया.
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