बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का परिणाम टीम इंडिया के पक्ष में नहीं रहा. टीम इंडिया ने 1-3 से ये ट्रॉफी गंवा दी. साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने का मौका भी गंवा दिया. इस सीरीज के दौरान टीम में कुछ खामियां सामने आई तो ड्रेसिंग रूम में टकराव की भी बातें सामने आई. टीम इंडिया के प्रदर्शन के लिहाज से भले ही कोई इस सीरीज को याद ना रखना चाहे, मगर लंबे समय तक जसप्रीत बुमराह के साहसिक प्रदर्शन के लिए इसे जरूरत याद किया जाएगा. जो इस सीरीज में टीम इंडिया के इकलौते फाइटर थे. पांच मैचों में उन्होंने सबसे ज्यादा 32 विकेट लिए थे, जिसमें तीन फाइफर भी शामिल है. वो प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे.
हालांकि यह अभियान बहुत ही दर्दनाक रूप से समाप्त हुआ, क्योंकि बुमराह पीठ की चोट के कारण सिडनी टेस्ट की आखिरी पारी में नहीं खेल पाए थे. बीसीसीआई ने उनकी चोट को लेकर अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, मगर इससे उनके वर्कलोक संबंधी चिंता पैदा हो गई हैं, क्योंकि उन्होंने इस सीरीज में 151.2 ओवर फेंके, जिसमें मेलबर्न टेस्ट के 53.2 ओवर शामिल है, जो एक मैच में उनकी सर्वाधिक गेंदबाजी है. इससे इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या टीम इंडिया सीरीज के दौरान बुमराह को मैनेज कर सकती थी.
हालांकि वर्कलोड थ्योरी को पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज और 1983 वर्ल्ड कप विनिंग टीम के मेंबर बलविंदर संधू ने नकार दिया है. उनका कहना है कि एक पारी में औसतन 15 से 20 ओवर गेंदबाजी करना कभी बड़ी बात नहीं होती. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार संधू ने कहा-
वर्कलोड? उन्होंने कितने ओवर फेंके? 150-कुछ है न? लेकिन कितने मैच या पारी में? पांच मैच या नौ पारी. इसका मतलब है कि हर पारी में 16 ओवर या हर मैच में 30 ओवर और उन्होंने एक बार में 15 से ज्यादा ओवर नहीं फेंके. उन्होंने स्पेल में गेंदबाजी की. तो क्या यह कोई बड़ी बात है? वर्कलोड मैनेजमेंट बकवास है. ये ऑस्ट्रेलियाई शब्द हैं, जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने बनाया है. वर्कलोड मैनेजमेंट कुछ भी नहीं है. मैं इससे सहमत नहीं हूं. मैं उस दौर से आता हूं, जब क्रिकेटर अपने शरीर की सुनते थे और किसी और की नहीं. मैं इससे बिल्कुल सहमत नहीं हूं.
अनुभवी क्रिकेटर ने बुमराह पर नाराज होते हुए कहा कि अगर उनका शरीर उन्हें एक पारी में कम से कम 20 ओवर गेंदबाजी करने की इजाजत नहीं देता है तो उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलना छोड़ देना चाहिए और इसकी बजाय टी20 पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा-
एक दिन में 15 ओवर गेंदबाजी करना और वह भी अलग-अलग स्पेल में, एक गेंदबाज के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. आप टेस्ट मैच के सभी पांचों दिन गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं. उन्होंने उन ओवरों को करने के लिए तीन या चार स्पेल लिए. आज आपके पास अपने शरीर की देखभाल करने के लिए सबसे अच्छे फिजियो, सबसे अच्छे मसाज देने वाले और बेहतरीन डॉक्टर हैं. अगर कोई गेंदबाज एक पारी में 20 ओवर नहीं फेंक सकता तो उसे भारत के लिए खेलना भूल जाना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा-
अगर आप भारत के लिए खेलना चाहते हैं तो आपके पास एक पारी में कम से कम 20 ओवर गेंदबाजी करने की ताकत होनी चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो बेहतर है कि आप वापस जाएं और टी20 खेलें, जहां आपको केवल चार ओवर गेंदबाजी करनी होती है. यहां तक कि वे चार ओवर भी तीन स्पेल में फेंके जाते हैं.
पूर्व भारतीय दिग्गज तेज गेंदबाज ने कहा-
हम एक दिन में 25-30 ओवर गेंदबाजी करते थे. कपिल देव ने अपने पूरे करियर में लंबे स्पैल गेंदबाजी की है. जब आप लगातार गेंदबाजी करते हैं तो आपका शरीर और मांसपेशियां अनुकूल हो जाती हैं. इसलिए मैं इस वर्कलोड मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट से सहमत नहीं हूं.
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