इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने मोहम्मद सिराज और ट्रेविस हेड को भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट में झगड़ा करने पर सजा सुनाई है. इसमें भारतीय खिलाड़ी का ज्यादा नुकसान हुआ है. मोहम्मद सिराज की मैच फीस का 20 फीसदी हिस्सा आईसीसी ने काट लिया है. उन्हें आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.5 का दोषी पाया गया है. ट्रेविस हेड की मैच फीस में कटौती नहीं हुई हैं. लेकिन उन्हें सिराज दोनों को एक-एक डिमेरिट पॉइंट भी दिया गया है. यह दोनों का पिछले दो साल में इकलौता अपराध था. यह सजा आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.13 के तहत दी गई है. मैच रेफरी रंजन मदुगले ने दोनों खिलाड़ियों को सजा सुनाई और उन्होंने इसे मंजूर कर लिया.
आईसीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सिराज को आर्टिकल 2.5 का दोषी पाया गया. यह धारा ऐसे मामलों में काम करती है जहां पर भाषा, प्रतिक्रिया या इशारे के जरिए किसी बल्लेबाज के आउट होने पर उसे आक्रामक प्रतिक्रिया के उकसाया जाता है. इस धारा के तहत केवल सिराज को दोषी पाया गया है. इसका मतलब है कि मैच रेफरी ने सिराज को हेड को उकसाने का दोषी माना.
सिराज-हेड बैन से कितना दूर हैं
वहीं दोनों खिलाड़ियों को जो डिमेरिट पॉइंट दिए गए हैं वे धारा 2.13 के तहत मिले हैं. यह धारा ऐसे मामलों में सजा का प्रावधान रखती है जहां पर किसी इंटरनेशनल मैच के दौरान एक खिलाड़ी, सपोर्ट स्टाफ, अंपायर या मैच रेफरी को गाली दी जाती है. अगर किसी खिलाड़ी को 24 महीनों में चार डिमेरिट पॉइंट मिलते हैं तब एक टेस्ट या दो वनडे/टी20 मैच का बैन झेलनी पड़ता है.
सिराज-हेड में कब और कैसे हुई थी भिड़ंत
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुलाबी गेंद से खेले गए एडिलेड टेस्ट के दूसरे दिन हेड और सिराज आपस में उलझ गए थे. हेड 140 रन बनाने के बाद जब सिराज की गेंद पर बोल्ड हुए तो दोनों खिलाड़ियों के बीच नोक झोंक हुई. हेड ने कहा कि उन्होंने सिराज की गेंदबाजी की सराहना की थी लेकिन भारतीय गेंदबाज ने इसका खंडन करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था. इन दोनों खिलाड़ियों के बीच टकराव के बाद दर्शकों ने सिराज की हूटिंग की थी.