नीतीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में भारत की ओर से शतक लगाया. उन्होंने 114 रन की पारी खेली जिसमें 11 चौके व एक छक्का शामिल रहा. यह उनके टेस्ट करियर का पहला शतक रहा जिसकी मदद से भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में वापसी करने में सफल रही. इस युवा खिलाड़ी ने चौथे दिन के खेल के बाद आलोचकों पर निशाना साधा. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुने जाने के बाद सवाल उठाने वालों को जमकर सुनाया. नीतीश रेड्डी ने कहा कि कुछ लोगों ने संदेह जताया था कि ये युवा खिलाड़ी केवल आईपीएल में खेले हैं और इन्हें टेस्ट टीम में लेना भारी पड़ सकता है. वे इन सब लोगों को गलत साबित करना चाहते थे.
नीतीश ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज हैं. उन्होंने आठवें नंबर पर उतरकर इंटरनेशनल करियर का पहला सैकड़ा जमाया. नीतीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैंने भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाला बल्लेबाज बनने के बारे में नहीं सोचा था. लेकिन मुझे पता है कि कुछ लोगों ने मेरे सेलेक्शन पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि यह तो इतना युवा है, केवल आईपीएल खेला है, वह इतनी बड़ी सीरीज में प्रदर्शन नहीं कर सकता. मुझे पता है कि बहुत सारे लोगों ने इस बारे में बात की थी. मैं बस उन्हें गलत साबित करना चाहता था. मैं यही कर रहा हूं. मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं यहां पर भारतीय टीम के लिए 100 फीसदी योगदान देने के लिए आया हूं.'
नीतीश रेड्डी बोले- बॉलिंग में करना है सुधार
नीतीश रेड्डी केवल 21 साल के हैं और ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले उन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में केवल 23 मैच खेले थे जिनमें एक ही शतक बनाया था. उनकी बैटिंग औसत 20 के करीब थी. वहीं बॉलिंग में भी उन्हें आंकड़े चौंकाने वाले नहीं थे. लेकिन भारतीय टीम मैनेजमेंट ने इस खिलाड़ी पर भरोसा जताया. नीतीश हालांकि मानते हैं कि वे खुद को अच्छा ऑलराउंडर बनाने की तमन्ना रखते हैं. वे अपनी बॉलिंग से खुश नहीं हैं और इसमें सुधार करना चाहते हैं. वे भारतीय क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर की भूमिका को भरना चाहते हैं.