जसप्रीत बुमराह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने पांच टेस्ट की सीरीज में 32 विकेट चटकाए. उनके इस खेल ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का दिल जीत लिया. उन्होंने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की सीरीज के नतीजे के बाद कहा कि इस तेज गेंदबाज ने मेजबान टीम के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों को कई मौकों पर भोंदू साबित कर दिया. 31 साल के जसप्रीत बुमराह ने अकेले दम पर भारत को पूरी सीरीज में लड़ाई में रखा. उन्हें प्लेयर ऑफ दी सीरीज चुना गया.
इसमें कोई संदेह नहीं कि मैंने जितनी भी सीरीज देखी हैं उनमें से यह सीरीज तेज गेंदबाजी के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ है. निश्चित तौर पर पूरी सीरीज में परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के अनुकूल थी लेकिन जब आपने उन्हें (बुमराह) किसी दूसरे की तुलना में बेहतर गेंदबाजी करते हुए देखा, तो उन्होंने बल्लेबाजी करना बेहद मुश्किल बना दिया था. ऑस्ट्रेलिया के टॉप ऑर्डर में अच्छे बल्लेबाज हैं लेकिन उन्होंने (बुमराह) अलग-अलग समय पर उन्हें भोंदू साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
बुमराह सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन हुए चोटिल
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह सिडनी टेस्ट के दूसरे और तीसरे दिन ज्यादा बॉलिंग नहीं कर पाए. पीठ में दर्द के चलते वे खेल से दूर रहे. उन्हें इसकी वजह से अस्पताल भी जाना पड़ा. अगर वे फिट होते तो उनके विकेटों का आंकड़ा 40 के आसपास जा सकता था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 151.2 ओवर फेंके और 13.06 की औसत के साथ विकेट चटकाए.
बुमराह ने दूसरी पारी में बॉलिंग नहीं करने पर जताई निराशा
बुमराह ने सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में बॉलिंग नहीं करने पर कहा था, ‘यह थोड़ा निराशाजनक है लेकिन कभी-कभी आपको अपने शरीर का सम्मान करना होता है. आप अपने शरीर से नहीं लड़ सकते. निराशाजनक, शायद सीरीज के सबसे अच्छे विकेट पर गेंदबाजी करने से चूक गया. पहली पारी में अपने दूसरे स्पैल के दौरान थोड़ी असहजता महसूस हुई और मुझे इस पर ध्यान देना पड़ा.’