ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने भारत के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट में शतक लगाया. उन्होंने 18 महीने बाद टेस्ट क्रिकेट में सैकड़ा लगाया. स्टीव स्मिथ ने इस पारी के बाद कहा कि पिछले तीन साल उनका करियर काफी चुनौतीभरा हो गया था. ऐसा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के कूकाबुरा गेंद में बदलाव की वजह से हुआ. 2020 में इस गेंद पर अतिरिक्त लेकर रखा जाने लगा जिससे गेंद काफी सख्त हो गई और इससे सीम मूवमेंट भी बढ़ गई. लेकिन स्मिथ ने गाबा टेस्ट के दूसरे दिन इन चुनौतियों पर पार पाते हुए 33वां टेस्ट शतक लगाया.
स्मिथ ने शतक लगाने के बाद बताया, '2021 के बाद से जब से कूकाबुरा गेंद को बदला है तब से बल्लेबाजी निश्चित रूप से अधिक कठिन हो गई. इस दौरान विकेट पर घास भी बढ़ गई. खासकर क्रीज पर आने वाले नए बल्लेबाज के लिए. पिच से अगर तेज गेंदबाजों के लिए मदद हो तो यह परेशानी और बढ़ जाती है.'
स्टीव स्मिथ ने बताया कैसे कूकाबुरा गेंद बदलने से हुई दिक्कत
स्मिथ ने कहा कि पहले 30-35 ओवर के दौरान बैटिंग में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है. इस दौरान गेंद काफी हिलती है और जब जसप्रीत बुमराह जैसे बॉलर बॉलिंग करा रहे हो तब बल्लेबाजों को बड़ी दिक्कत होती है. उन्होंने कहा,
मुझे लगता है कि विशेषकर पारी के पहले 35 ओवर में सीम की मदद से मिलने वाली स्विंग के कारण बल्लेबाज के लिए परिस्थितियां बहुत चुनौतीपूर्ण होती है. मुझे लगता है कि इस दौरान गेंद सख्त रहती है. आप एक बार जब उस अवधि को पार कर लेते है तो आपके पास ट्रेविस (हेड) और मार्शी (मिचेल मार्श) और एलेक्स (कैरी) जैसे कुछ आक्रामक बल्लेबाज हैं (जो चीजों को आसान कर सकते हैं). इसलिए, पिछले तीन साल शायद मेरे करियर में सबसे कठिन रहे हैं. यह गेंद को मिलने वाली अतिरिक्त स्विंग के कारण हुआ है. आप देख सकते हैं कि किस तरह से स्कोर में भी कमी आई है. आप जानते हैं, गेंदबाजी औसत में कमी आई है, बल्लेबाजी औसत में कमी आई है. अगर आप पहली पारी पर नजर डाले तो पांच साल पहले आसानी से 400 या 500 रन बन जाते थे लेकिन अब 300 रन बनने के बाद भी आप मजबूत स्थिति में रहते है.
स्मिथ अब ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा टेस्ट शतक के मामले में दूसरे नंबर पर आ गए. उन्होंने स्टीव वॉ के 32 शतक के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा. स्मिथ से आगे केवल रिकी पोंटिंग हैं जिन्होंने 41 शतक लगाए हैं.