बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी में चाहे ऑस्ट्रेलियाई फैंस हों या भारतीय, जिस एक खिलाड़ी को मैदान पर देखने के लिए सभी बेकरार हैं वो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली हैं. कोहली का इतिहास ऑस्ट्रेलिया में इतना तगड़ा है कि वहां की मीडिया ने अभी से उनका गुनगान करना शुरू कर दिया. पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट में जब विराट कोहली मैदान पर उतरेंगे तो सभी की निगाहें उन पर होंगी. पूर्व भारतीय कप्तान पिछले कुछ महीनों से लगातार रन नहीं बना पा रहे हैं और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी वह फ्लॉप रहे. लेकिन विराट बड़ी सीरीज में रन बनाने में माहिर हैं. वह 2011/12, 2014/15 और 2018/19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में बल्ले से भारत के स्टार खिलाड़ी थे. उन्होंने 2020/21 सीरीज में केवल एक मैच खेला. विराट चार साल बाद टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया लौटे हैं और जमकर रन बनाने के लिए बेताब होंगे.
पर्थ की पारी है सबसे बेस्ट
सीरीज शुरू होने से कुछ दिन पहले भारतीय खिलाड़ियों ने आधिकारिक फोटोशूट में हिस्सा लिया. शूट के दौरान मोहम्मद सिराज ने विराट कोहली से ऑस्ट्रेलिया में उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी के बारे में पूछा. विराट ने अपनी करियर बचाने वाली पारी को नजरअंदाज कर दिया और 2018/19 के दौरे पर उनकी 123 रनों की पारी को अपना पसंदीदा बताया. विराट ने दो पारियों में 123 और 17 रन बनाए और भारत 146 रन से मैच हार गया.
विराट ने बीसीसीआई. टीवी पर कहा कि, "ऑस्ट्रेलिया में मेरी सर्वश्रेष्ठ पारी निश्चित रूप से पर्थ में मेरा शतक होगा. 2018-19 की सीरीज में हमने खेला. मुझे लगा कि टेस्ट क्रिकेट में मैंने जिस पिच पर खेला, वह सबसे कठिन थी. उस दौरे पर शतक बनाना शानदार था," विराट ने पर्थ में एक शतक लगाया है. हालांकि सालों पहले चयनकर्ता उनके खराब प्रदर्शन के बाद विराट को टीम से बाहर करना चाहते थे और रोहित शर्मा को उनकी पहली टेस्ट कैप देना चाहते थे. कप्तान एमएस धोनी और उप-कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने विराट का समर्थन किया और उन्हें प्लेइंग इलेवन में बनाए रखा. विराट ने दो पारियों में शानदार 44 और 75 रन बनाए. भारत यह मैच एक पारी और 37 रन से हार गया.
विराट ने एडिलेड में अगले टेस्ट मैच में अपने करियर का पहला टेस्ट शतक बनाया. दाएं हाथ के बल्लेबाज 2011/12 सीरीज में शतक बनाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज थे. 2018/19 में, विराट ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले एशियाई कप्तान बने.
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