टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के लिए सिडनी टेस्ट बेहद ज्यादा अहम होने वाला है. गौतम गंभीर की टीम अगर सिडनी टेस्ट गंवाती है तो उनपर काफी ज्यादा दबाव आ जाएगा. टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को लेकर पहले ही ये साफ हो चुका है कि उन्होंने सिडनी टेस्ट से खुद को आराम देने का फैसला किया है. ऐसे में वो प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं बनेंगे. इस बीच सारा जिम्मा जसप्रीत बुमराह पर होगा और वही टीम की कमान संभालेंगे. गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया ज्यादा खास नहीं कर पा रही है. टीम को पहले घरेलू सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से हार मिली. और अब टीम का ऑस्ट्रेलिया में बुरा हाल है.
रोहित की जगह प्लेइंग 11 में इसलिए भी नहीं बन पा रही है क्योंकि ये बल्लेबाज लगातार फ्लॉप हो रहा है. रोहित ने अब तक ऑस्ट्रेलिया में खेली गई 5 पारी में 6.1 की औसत के साथ सिर्फ 31 रन बनाए हैं. साल 2024-25 सीजन में टीम इंडिया के कप्तान ने 15 पारी में 10.93 की औसत के साथ 164 रन ठोके हैं.
रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया को पिचले 6 मैचों में 5 में हार मिली है. इसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर 3-0 की हार शामिल है. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 मैचों में हार मिली. पहले टेस्ट में रोहित नहीं थे और उनकी जगह जसप्रीत बुमराह को कप्तानी दी गई और टीम इंडिया ने जीत हासिल की थी.
जब गौतम गंभीर ने खुद को कर दिया था ड्रॉप
कहा जा रहा है कि रोहित खुद गौतम गंभीर के पास गए और उन्होंने कहा कि उन्हें आराम चाहिए. कुछ ऐसा ही गौतम गंभीर ने भी किया था. साल 2018 में गौतम गंभीर की दिल्ली कैपिटल्स में वापसी हुई थी. कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ 7 साल बिताने के बाद वो दिल्ली में आए थे. लेकिन गंभीर इस दौरान बल्ले से पूरी तरह फ्लॉप रहे. गंभीर ने 6 पारी में सिर्फ 85 रन ठोके. वहीं दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने पहले 6 मैचों में सिर्फ एक मैच में जीत हासिल की थी. टीम के खराब प्रदर्शन और खुद के बल्ले के रन न निकलने के चलते उन्होंने इसके बाद सीजन में और मैच नहीं खेले और खुद को ड्रॉप कर दिया. ये उनका फाइनल सीजन भी था.
गंभीर के इस फैसले के बाद उस दौरान टीम की कमान युवा श्रेयस अय्यर ने संभाली और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर बड़ा बयान दिया था. अय्यर ने कहा था कि, मैंने ये फैसला नहीं लिया. मैंने उन्हें ड्रॉप नहीं किया है. उन्होंने खुद ये फैसला लिया जो काफी साहसी फैसला है. उन्होंने पिछले मैचों में टीम की कप्तानी की है. मैं उनकी काफी इज्जत करता हूं. ये काफी शानदार होता है जब एक कप्तान बाहर बैठता है लेकिन फिर भी टीम का सपोर्ट करता है. बता दें कि इस दौरान गंभीर ने दिल्ली कैपिटल्स से अपनी 2.8 करोड़ की सैलरी भी नहीं ली थी.
ये भी पढ़ें: