हार्दिक पंड्या ने 8 महीने में बदली कहानी, करियर खत्म होने के खतरे से लड़े, अब इंग्लैंड फतेह किया

हार्दिक पंड्या ने 8 महीने में बदली कहानी, करियर खत्म होने के खतरे से लड़े, अब इंग्लैंड फतेह किया

पिछले आठ महीनों के दौरान ऐसा लग रहा था कि हार्दिक पंड्या अब शायद भारतीय टीम के लिए पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे. टी20 वर्ल्ड कप के बाद वे भारतीय टी20 टीम से बाहर कर दिए गए. इससे पहले जुलाई 2021 में आखिरी बार वनडे खेला था. चोट के चलते वे बॉलिंग नहीं कर पा रहे थे. इस वजह से स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के तौर पर टीम इंडिया में उनकी जगह नहीं बन पा रही थी. फिर आईपीएल 2022 से पहले मुंबई इंडियंस ने उन्हें रिटेन नहीं किया. लग रहा था कि शायद हार्दिक पंड्या अब कभी पहले की तरह टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन पाएंगे. नवंबर 2021 में टीम इंडिया से बाहर होने से लेकर जून में इंग्लैंड दौरे के बीच का समय उनके लिए काफी बुरा रहा. इस बीच आईपीएल 2022 में गुजरात को चैंपियन बनाकर उन्होंने फिर से सफलता की सीढ़ियां चढ़ना शुरू किया. जुलाई आते-आते इस ऑलराउंडर ने साबित कर दिया कि टीम इंडिया में उनकी जगह बनती है और वे बहुत जरूरी खिलाड़ी हैं.

 

इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज जिताने में हार्दिक पंड्या ने अहम रोल निभाया. बॉलिंग और बैटिंग दोनों से भरपूर योगदान दिया और सात साल बाद भारत को इंग्लैंड की धरती पर वनडे सीरीज जिताई. यह एक साल में उनकी पहली वनडे सीरीज थी. इससे पहले आखिरी बार श्रीलंका में वनडे खेला था. लेकिन वापसी वाली सीरीज से लगा ही नहीं कि हार्दिक इस फॉर्मेट से दूर हुए थे. इंग्लैंड के खिलाफ उनकी बॉलिंग पूरे रंग में थी तो बैटिंग में उपयोगी योगदान रहा. विशेष रूप से आखिरी वनडे में. तीन वनडे की दो पारियों में उन्होंने 50 की औसत और 101 की स्ट्राइक रेट से 100 रन बनाए. 71 रन सर्वोच्च स्कोर रहा. बॉलिंग की बात की जाए तो छह विकेट मिले उन्हें मिले. आखिरी वनडे में 24 रन देकर चार विकेट लिए जो उनका वनडे में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है.

 

बैटिंग में नहला तो बॉलिंग में दहला

इससे पहले टी20 सीरीज के दौरान दो मैचों में 31.50 की औसत और 131.25 की स्ट्राइक रेट से 63 रन बनाए. 51 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा जो टी20 में भारत के लिए उनका पहला पचासा है. बॉलिंग की बात की जाए तो उन्होंने पांच विकेट चटकाए. 33 रन देकर चार विकेट लेना उनका बेस्ट प्रदर्शन रहा न केवल इस सीरीज बल्कि अब तक के टी20 करियर का. इस तरह इंग्लैंड दौरे पर टी20 और वनडे दोनों सीरीज में उन्होंने बॉलिंग में अपना बेस्ट दिया. बैटिंग में तो वे वैसे भी कमाल कर ही रहे थे. इससे टी20 वर्ल्ड कप से पहले भारत का एक बड़ा सिरदर्द दूर हो गया.

 

आयरलैंड को कप्तानी में हराया

इंग्लैंड दौरे से पहले आयरलैंड के खिलाफ दो टी20 सीरीज में उन्होंने टीम इंडिया की कप्तानी भी संभाली. वे पहली बार कप्तान बने और टीम इंडिया को विजय का तिलक लगाया. इस सीरीज में उन्होंने 37 रन बनाए और एक विकेट लिया. उनके रन बनाने की स्ट्राइक रेट 176 की रही. साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज के जरिए हार्दिक ने फिर से टीम इंडिया में वापसी की. वापस आते ही 58.50 की औसत और 153.94 की स्ट्राइक रेट से 117 रन बनाए. इस सीरीज में बॉलिंग भी की हालांकि विकेट नहीं मिले.