विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 के पहले ही दिन कर्नाटक ने इतिहास बना दिया. मुंबई के खिलाफ मुकाबले में इस टीम ने 383 रन के लक्ष्य को 22 गेंद बाकी रहते सात विकेट से हासिल कर लिया. जीत के हीरो विकेटकीपर बल्लेबाज कृष्णन श्रीजीत रहे जिन्होंने 101 गेंद में नाबाद 150 रन की पारी खेली. इसके जरिए कर्नाटक ने विजय हजारे ट्रॉफी इतिहास का दूसरा सर्वोच्च लक्ष्य हासिल किया. रिकॉर्ड आंध्र प्रदेश के नाम है जिसने 2012 में गोवा के खिलाफ 384 रन का लक्ष्य हासिल किया था. मुंबई की टीम सितारों से सजी थी लेकिन उसके गेंदबाज इतने बड़े स्कोर को भी नहीं बचा सके.
श्रेयस अय्यर की कप्तानी वाली मुंबई ने पहले बैटिंग करते हुए चार विकेट पर 382 रन का स्कोर खड़ा किया. उसकी तरफ से कप्तान ने 55 गेंद में पांच चौकों व 10 छक्कों से 114 रन नाबाद बनाए. ओपनर आयुष म्हात्रे ने 78, हार्दिक तमोरे ने 84 और शिवम दुबे ने 63 रन की पारियां खेलीं. इसके बाद कर्नाटक ने तूफानी बैटिंग की. उसकी तरफ से श्रीजीत ने 20 चौकों व चार छक्कों से 150, केवी अनीश ने 82 और प्रवीण दुबे ने 65 रन बनाए. ऐसे में टीम 46.2 ओवर में लक्ष्य तक पहुंच गई. मुंबई की तरफ से आठ बॉलर आजमाए गए लेकिन कोई भी रनों के सैलाब को नहीं रोक पाया.
कर्नाटक का तूफानी खेल
कर्नाटक ने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए तूफानी बैटिंग की. निकिन जोस (21) और कप्तान मयंक अग्रवाल (47) ने पहले विकेट के लिए 36 रन जोड़े. मयंक ने फिर केवी अनीश के साथ 70 रन की साझेदारी की. श्रीजीत के आने के बाद तो रनगति को पंख लग गए. उन्होंने अनीश के साथ मिलकर टीम को 27वें ओवर में 200 के स्कोर तक पहुंचा दिया. अनीष नौ चौकों व तीन छक्कों से 82 रन बनाने के बाद आउट हुए.
श्रीजीत का धमाकेदार शतक
अपना तीसरा ही लिस्ट ए मुकाबला खेल रहे श्रीजीत ने प्रवीण के साथ मिलकर टीम की नैया पार लगा दी. प्रवीण ने 50 गेंद खेली और पांच चौकों-एक छक्के से 65 रन बनाए. मुंबई की ओर से जुनेद खान ही ऐसे रहे जो कामयाबी हासिल कर सके. उन्होंने 70 रन देकर दो विकेट लिए. बाकी गेंदबाजों में शार्दुल ठाकुर के छह ओवर में 72, तनुष कोटियन के नौ ओवर में 73 रन गए.
इससे पहले मुंबई ने भी तूफानी खेल दिखाया. उसके लिए कप्तान श्रेयस ने 50 गेंद में सैकड़ा लगाया तो शिवम दुबे ने 36 गेंद में पांच चौकों व पांच छक्कों से 63 रन बनाए. मुंबई की ओर से 21 छक्के लगे.