इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने धीमी ओवर गति पर सजा मिलने के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) पर सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि ओवर रेट को लेकर जो नियम हैं सही नहीं हैं. एशियाई हालात में जो नियम लागू होते हैं उनके हिसाब से इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में नहीं चला जा सकता. भारत के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के बाद इंग्लिश टीम के खिलाड़ियों पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था. साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट्स टेबल में उसके दो अंक भी काटे गए थे.
स्टोक्स ने मैनचेस्टर टेस्ट से पहले कहा कि वह धीमी ओवर रेट के फॉर्म पर साइन नहीं करने वाले. उन्होंने दोहराया कि ओवर रेट की गणना के नियम बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'मैं फॉर्म पर साइन नहीं कर रहा. ओवर रेट की मुझे चिंता नहीं है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं जानबूझकर चीजों को धीमा करता हूं. मैं इसको लेकर होने वाली निराशा को भी समझता हूं लेकिन ईमानदारी से कहूं तो यह सिस्टम कैसे काम करता है इस पर करीबी नज़र रखने की जरूरत है. आप एशिया और न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड में समान नियम नहीं रख सकते. एशिया में 70 फीसदी ओवर स्पिन के होते हैं वहीं इंग्लैंड में 70, 80 फीसदी ओवर सीम बॉलर्स डालते हैं. स्पिनर को सीमर की तुलना में ओवर फेंकने में कम समय लगता है. कॉमन सेंस यह है कि अलग-अलग जगहों के हिसाब से ओवर रेट की गणना होनी चाहिए.'
स्टोक्स ने पूछा- रनगति बढ़ने से घटी है ओवर रेट?
स्टोक्स ने ओवर रेट में कमी आने की एक वजह रनों के इजाफे को भी बताया. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि पिछले कुछ सालों में ओवर रेट में निश्चित रूप से गिरावट हुई है. मैं सोच रहा हूं कि क्या रन बनाने की गति का इससे कोई कनेक्शन है. पहले से ज्यादा बार अब गेंद बाउंड्री के लिए जाती है. निश्चित रूप से इसके चलते ज्यादा समय लगता है. कई बार ऐसा होता है कि मुकाबला दांव पर होता है तब ऐसा नहीं हो सकता है कि आप स्पिनर्स की तरफ गेंद उछाल दे ताकि जल्दी-जल्दी ओवर हो जाए. अगर ओवर्स की भरपाई करने के लिए खेल रहे हैं तो फिर यह इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं है. मुझे नहीं लगता कि लोग उसे देखने को आते हैं.'