शुभमन गिल का कहना है कि वे मैदान के अंदर और बाहर उदाहरण पेश करते हुए कप्तानी करने में भरोसा रखते हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने खिलाड़ियों को उनके हिसाब से खेलने की आजादी देने का रवैया रखते हैं. शुभमन गिल को 24 मई को भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी मिली. वे इंग्लैंड दौरे के साथ इस भूमिका में अपना करियर शुरू करेंगे. शुभमन भारत के 37वें टेस्ट कप्तान हैं. उन्होंने इससे पहले इंटरनेशनल लेवल में केवल टी20 में भारतीय टीम की कमान संभाली है. रोहित शर्मा के संन्यास के बाद उनके लिए टेस्ट कप्तानी के रास्ते खुले.
शुभमन ने बीसीसीआई से बातचीत में कहा, 'मैं उदाहरण पेश करते हुए कप्तानी करने में यकीन रखता हूं. इसमें केवल प्रदर्शन ही शामिल नहीं है बल्कि मैदान से बाहर अनुशासन और कड़ी मेहनत भी शामिल है. एक कप्तान, लीडर होने के रूप में यह जानना जरूरी है कि कब आगे जाना है लेकिन कब खिलाड़ियों को मौका देना है क्योंकि हर किसी की अलग जिंदगी होती है और अलग तरह से उनकी परवरिश होती है. हर किसी का अलग व्यक्तित्व है और अच्छे लीडर को यह पता होना चाहिए कि वह किस स्थिति से सबसे अच्छा प्रदर्शन कर सकता है या सबसे अच्छा नतीजा हासिल कर सकता है. यह उत्साहित करने वाली बात है. खिलाड़ियों के साथ इस तरह की बातचीत, उन्हें गहराई तक जानना जरूरी होता है क्योंकि तब ही आपको पता चलता है कि वे अपना बेस्ट कैसे दे सकते हैं.'
शुभमन गिल बोले- टेस्ट कप्तानी बड़ी जिम्मेदारी
शुभमन के अलावा ऋषभ पंत, केएल राहुल और जसप्रीत बुमराह भी भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बनने की रेस में थे. लेकिन सेलेक्टर्स और हेड कोच गौतम गंभीर ने इस युवा पर भरोसा जताया. शुभमन ने कहा कि टेस्ट कप्तानी मिलना बड़ी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, 'यह नियुक्ति बहुत बड़ा पद है. जब आप क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं तब आप भारत के लिए खेलना चाहते हैं और न केवल भारत के लिए खेलना बल्कि लंबे समय तक टेस्ट खेलने का सपना होता है. यह अवसर मिलना बड़ा सम्मान है और जैसा कि आपने कहा कि यह बड़ी जिम्मेदारी है.'