टीम इंडिया के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रोहित शर्मा का बचाव किया है. सूर्य ने कहा कि चाहे हार हो या जीत वो मुंबई इंडियंस के अपनी साथी खिलाड़ी का हमेशा समर्थन करते रहेंगे. साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले से ठीक पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूर्य से जब रोहित की कप्तानी और उनपर दबाव को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि खेल में जीत और हार चलती रहती है. हर कोई मेहनत करता है और जीतने के लिए करता है. कई बार ये काम करता है और कई बार नहीं.
सूर्यकुमार यादव ने आगे कहा कि मैंने रोहित शर्मा से यही सीखा है कि जिंदगी को कैसे बैलेंस करना है. हार या जीत के बाद मैंने कभी भी उनके भीतर बदलाव नहीं देखा है. मैंने हमेशा एक लीडर और खिलाड़ी के तौर पर उन्हें आगे बढ़ते ही देखा है. एक लीडर वो होता है जो ये देखता है कि उसकी टीम कैसा प्रदर्शन कर रही है. ऐसे में वो हमेशा जीतना चाहता है.
मैंने रोहित से कप्तानी सीखी है: सूर्यकुमार
भारत को घरेलू मैदान पर 0-3 से करारी हार का सामना करने के बाद रोहित शर्मा की टेस्ट कप्तानी पर सवाल उठ रहे थे. यह पहली बार था जब किसी मेहमान टीम ने भारत को दो से अधिक टेस्ट मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से हराया था. हालांकि, सूर्यकुमार यादव को यह बात अच्छी तरह पता होगी क्योंकि उन्होंने पिछले महीने बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू मैदान पर लगभग उन्हीं खिलाड़ियों के साथ टीम की कप्तानी की थी. सूर्य ने अपनी कप्तानी को लेकर कहा कि, वो आक्रामक कप्तान नहीं हैं और सबकुछ रोहित से सीखा है जिसमें मसाला भी है.
मैं आक्रामक कप्तान नहीं हूं
"मैंने रोहित भाई से बहुत कुछ सीखा है. मैंने उनके साथ फ्रैंचाइज क्रिकेट में खेला है. जब मैं मैदान पर होता हूं तो मैं उन पर ध्यान देता रहता हूं. उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी है, वे दबाव को कैसे संभालते हैं, वे कैसे शांत रहते हैं और अपने गेंदबाजों से कैसे बात करते हैं और दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. और आप उम्मीद करते हैं कि आपका लीडर आपके साथ समय बिताएगा. "मैं भी यही करने की कोशिश करता हूं. जब मैं मैदान पर नहीं होता हूं तो मैं खिलाड़ियों के साथ समय बिताने, उनके साथ खाने-पीने, बाहर डिनर करने और उनके साथ यात्रा करने की कोशिश करता हूं. मुझे लगता है कि ये छोटी-छोटी बातें मैदान पर भी दिखाई देती हैं.'' अगर आप अपने साथी का सम्मान पाना चाहते हैं और चाहते हैं कि वे अच्छा प्रदर्शन करें, तो ये चीजें मायने रखती हैं.
"एक लीडर के तौर पर मेरी बल्लेबाजी शैली बिल्कुल अलग है. मैं कप्तान जितना आक्रामक नहीं हो सकता. लेकिन, हां, आपको यह समझना होगा कि आपके आस-पास क्या हो रहा है, मुझे यह समझना होगा कि मेरे खिलाड़ी क्या सोच रहे हैं. उन्हें एक सहज एरिया देना बहुत महत्वपूर्ण है. हर किसी के पास अपना टैलेंट होता है. वे भी बाहर आकर खुद की बात रखना चाहते हैं. यह आजादी बहुत महत्वपूर्ण है.
सूर्य ने आगे कहा कि मैदान के बाहर, मैं उनके साथ बहुत समय बिताता हूं. एक-दूसरे को जानना महत्वपूर्ण है. मैं उनकी ताकत का आकलन करने की कोशिश करता हूं और देखता हूं कि दबाव और मुश्किल परिस्थितियों में वे कब टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं. मैं मैदान पर ऐसा ही हूं.
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